नई दिल्ली- भाजपा के हितों और विचारधारा में नहीं किया कोई समझौता, सुषमा स्वराज को देखकर भावुक हो रो पड़े पीएम मोदी

भारतीय जनता पार्टी की कद्दावर नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अब नहीं रही। मंगलवार देर रात दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। जहां उपचार के दौरान उनका निधन हो गया। वह 67 वर्ष की थीं। सुषमा स्वराज के निधन से हर कोई दुखी है।
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नई दिल्ली- भाजपा के हितों और विचारधारा में नहीं किया कोई समझौता, सुषमा स्वराज को देखकर भावुक हो रो पड़े पीएम मोदी

भारतीय जनता पार्टी की कद्दावर नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अब नहीं रही। मंगलवार देर रात दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। जहां उपचार के दौरान उनका निधन हो गया। वह 67 वर्ष की थीं। सुषमा स्वराज के निधन से हर कोई दुखी है। पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राहुल गांधी समेत देश-दुनिया के नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब विचारधारा और भाजपा के हितों का मामला होता था तो वह कभी समझौता नहीं करती थीं।

उत्तराखंड में भी शोक की लहर

इधर पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन के बाद से उत्तराखंड में भी शोक की लहर है। सुष्मा के निधन पर सीएम सहित कई नेताओं ने गहरा दुख जताया है। उनके निधन को देश के लिए अपूर्णीय क्षति बताया। बता दें कि उत्तराखंड से सुष्मा स्वराज राज्यसभा सदस्य भी रह चुकी थीं। साथ ही उन्होंने देहरादून के ऋषिकेश में एम्स की सौगात भी दी थी। वह उत्तराखंड में भी अत्यंत लोकप्रिय रहीं। उनके निधन की जानकारी मिलते ही उत्तराखंड में भी शोक की लहर है। भाजपा नेताओं के साथ ही कांग्रेस ने भी उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन से भारतीय राजनीति में जो रिक्तता आई है, उसकी भरपाई असम्भव है। वह एक कुशल प्रशासक, प्रखर वक्ता थीं। उत्तराखंड से भी उनका नाता रहा है। वह यहां से राज्यसभा सदस्य भी रहीं। उनके निधन से सपूर्ण उत्तराखंड दुखी है।

नई दिल्ली- भाजपा के हितों और विचारधारा में नहीं किया कोई समझौता, सुषमा स्वराज को देखकर भावुक हो रो पड़े पीएम मोदी

25 की उम्र में बनी थीं युवा कैबिनेट मंत्री

सुषमा स्वराज का राजनीतिक सफर काफी दिलचस्प रहा है। महज 25 साल की उम्र में वह हरियाणा सरकार में सबसे युवा कैबिनेट मंत्री बनीं। 1977 से 1979 तक सामाजिक कल्याण, श्रम और रोजगार जैसे 8 मंत्रालय मिले थे। उनके खाते में राजनीति के क्षेत्र में और भी कई रिकॉर्ड दर्ज हैं। उनको दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री और देश में किसी राजनीतिक दल की पहली महिला प्रवक्ता बनने की उपलब्धि दर्ज है। सुषमा स्वराज दो बार विधानसभा के सदस्य के रूप में और 4 बार लोक सभा और 3 बार राज्यसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित हुई थीं विभिन्न पदों पर रहते हुए सुषमा स्वराज कई सांस्कृतिक और सामाजिक संस्थाओं के साथ जुड़ी रहीं। 27 साल की उम्र में 1979 में वह हरियाणा में जनता पार्टी की राज्य अध्यक्ष बनी थीं।

3 बजे होगा अंतिम संस्कार

जंतर-मंतर स्थित सुषमा स्वराज के निवास पर सुबह 8 बजे से 11 बजे तक अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को रखा गया है। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को दोपहर 12 बजे बीजेपी मुख्यालय लाया जाएगा। यहां पर दोपहर 3 बजे तक अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर को रखा जाएगा। जिसके बाद दोपहर 3 बजे उनकी अंतिम यात्रा निकलेगी। अंतिम यात्रा लोधी रोड स्थित शमशान घाट पर जाकर रुकेगी और इसके बाद यहां उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा।