नई दिल्ली-मोदी सरकार ने एनएसए अजीत डोभाल को दिया बड़ा तोहफा, जानिये उत्तराखंड के लाल की आईपीएस बनने से कैबिनेट मंत्री तक की पूरी कहानी

नई दिल्ली-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) के तौर पर AJIT DOBHAL का कद अब एक कैबिनेट मंत्री के बराबर होगा। डोभाल का फिर से एनएसए बनना बताता है कि मोदी के साथ-साथ नए गृह मंत्री अमित शाह भी उनके काम से संतुष्ट हैं। सोमवार को देश के नए गृह मंत्री अमित शाह ने एनएसए अजित डोभाल
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नई दिल्ली-मोदी सरकार ने एनएसए अजीत डोभाल को दिया बड़ा तोहफा, जानिये उत्तराखंड के लाल की आईपीएस बनने से कैबिनेट मंत्री तक की पूरी कहानी

नई दिल्ली-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) के तौर पर AJIT DOBHAL का कद अब एक कैबिनेट मंत्री के बराबर होगा। डोभाल का फिर से एनएसए बनना बताता है कि मोदी के साथ-साथ नए गृह मंत्री अमित शाह भी उनके काम से संतुष्ट हैं। सोमवार को देश के नए गृह मंत्री अमित शाह ने एनएसए अजित डोभाल के साथ बैठक कर आंतरिक सुरक्षा का जाजया लिया। इस दौरान बैठक में आईबी चीफ राजीव जैन, गृह सचिव राजीवा गावा भी मौजूद थे। गृह मंत्री को देश की आतंरिक सुरक्षा की स्थिति से अवगत कराया गया। एक अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर खासतौर पर सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा की स्थिति की जानकारी भी ली। अजीत डोभाल देश के पांचवें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार है। उत्तराखंड के रहने वाले अजीत डोभाल हमेशा अपने कार्यों से सुर्खियों में रहे है।

नई दिल्ली-मोदी सरकार ने एनएसए अजीत डोभाल को दिया बड़ा तोहफा, जानिये उत्तराखंड के लाल की आईपीएस बनने से कैबिनेट मंत्री तक की पूरी कहानी

पांच साल के बने रहेंगे एनएसए

सत्ता में दूसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने वाली केंंद्र की मोदी सरकार ने आजीत डोभाल को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया है। इसके साथ ही अजीत डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी बने रहेंगे।अजीत डोभाल ने राष्ट्रीय सुरक्षा क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए केंद्र सरकार ने कैबिनेट मंत्री का दर्जा देने का फैसला किया। उनकी नियुक्ति पांच साल के लिए की गई है। साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजीत डोभाल को देश का 5वां राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया था। अजीत डोभाल छह साल पाकिस्तान में मुसलमान बनकर भी रह चुके हैं। डोभाल 1988 में कीर्ति चक्र प्राप्त करने वाले पहले पुलिस अधिकारी हैं। बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकी ठिकानोंं को ध्वस्त करने की वायुसेना की रणनीति को मूल रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अमलीजामा पहनाया था।

नई दिल्ली-मोदी सरकार ने एनएसए अजीत डोभाल को दिया बड़ा तोहफा, जानिये उत्तराखंड के लाल की आईपीएस बनने से कैबिनेट मंत्री तक की पूरी कहानी

पौड़ी गढ़वाल में हुआ डोभाल का जन्म

अजित डोभाल का जन्म 1945 में उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में एक गढ़वाली परिवार में हुआ। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा अजमेर के मिलिट्री स्कूल से पूरी की थी, इसके बाद उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए किया और पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद वे आईपीएस की तैयारी में लग गए। कड़ी मेहनत के बल पर वे केरल कैडर से 1968 में आईपीएस के लिए चुन लिए गए। अजीत डोभाल 1968 में केरल कैडर से आईपीएस में चुने गए थे, 2005 में इंटेलिजेंस ब्यूरो यानी आईबी के चीफ के पद से रिटायर हुए हैं। वह सक्रिय रूप से मिजोरम, पंजाब और कश्मीर में उग्रवाद विरोधी अभियानों में शामिल रहे हैं। अजीत कुमार डोभाल (आईपीएस सेवानिवृत्त) भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं। वे 30 मई 2014 से इस पद पर हैं। डोभाल भारत के पांचवे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं। इससे पहले शिवशंकर मेनन भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे।