नई दिल्ली- कोरोना वैक्सीन के लिए इसलिए भारत का रुख कर रहे कई देश, इनको मिलेगी प्राथमिकता

दुनियाभर में 60 फीसद से अधिक वैक्सीन का निर्माण व आर्पूति करने वाला अपना देश अब कोरोना वैक्सीन के हब के रूप में उभर रहा है। कोरोना महामारी के बीच दुनिया को इसकी वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार है। ऐसे में कोरोना वैक्सीन को लेकर अब कई देश भारत का रुख कर रहे हैं। भारत
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नई दिल्ली- कोरोना वैक्सीन के लिए इसलिए भारत का रुख कर रहे कई देश, इनको मिलेगी प्राथमिकता

दुनियाभर में 60 फीसद से अधिक वैक्सीन का निर्माण व आर्पूति करने वाला अपना देश अब कोरोना वैक्सीन के हब के रूप में उभर रहा है। कोरोना महामारी के बीच दुनिया को इसकी वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार है। ऐसे में कोरोना वैक्सीन को लेकर अब कई देश भारत का रुख कर रहे हैं। भारत वैक्सीन के उत्पादन और आपूर्ति के लिए पूरी तरह तैयार है। ब्राजील, मोरक्को, सऊदी अरब, म्यांमार, बांग्लादेश, दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों ने भारत से वैक्सीन की आधिकारिक तौर पर मांग की है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि कोरोना वैक्सीन के वितरण में भारत सरकार बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, श्रीलंका और अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी देशों को प्राथमिकता देगी।

नई दिल्ली- कोरोना वैक्सीन के लिए इसलिए भारत का रुख कर रहे कई देश, इनको मिलेगी प्राथमिकता

हमारा राष्ट्र आत्मनिर्भर है- पीएम मोदी

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव कहते हैं कि भारत शुरू से ही COVID-19 महामारी के खिलाफ आम लड़ाई में वैश्विक प्रतिक्रिया में सबसे आगे रहा है। वहीं कोरोना वैक्सीन के लिए चल रही चर्चा के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की भूमिका को दोहराया है, उन्होंने कहा कि भारत में दो वैक्सीन (कोविशील्ड-कोवैक्सीन) के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी जा चुकी है। पीएम ने कहा कि पहले भारत बाहर से पीपीई किट, मास्क, वेंटिलेटर और टेस्टिंग किट आयात करता था, लेकिन आज हमारा राष्ट्र आत्मनिर्भर है।

कोरोना वैक्सीन का आपूर्तिकर्ता बन सकता है भारत

जानकारी के मुताबिक, नेपाल ने भारत से 12 मिलियन कोरोना वैक्सीन के डोज की मांग की है। वहीं, भूटान ने पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) में निर्मित की जा रही वैक्सीन की 1 मिलियन डोज की मांग की है। म्यांमार ने भी सीरम के साथ एक खरीद अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। उधर, बांग्लादेश ने कोविशील्ड की 30 मिलियन डोज के लिए अनुरोध किया है। सिर्फ एशियाई देश ही नहीं बल्कि और कई देशों ने भारत से कोरोना वैक्सीन को लेकर संपर्क साधा है। ऐसे में भारत वैक्सीन का एक बड़ा आपूर्तिकर्ता बन सकता है।