नई दिल्ली- जाने क्यूं पीएम मोदी ने मन की बात में केरल की इस महिला का किया जिक्र, समाज के लिए थे ये सभी कार्य

Mann Ki Baat, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर मन की बात’ (Mann Ki Baat) कार्यक्रम द्वारा समस्त देशवासियों को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने एक खास शख्सियत का जिक्र किया है। इस दौरान पीएम मोदी ने उनकी तारीफ भी की। दरअसल मन की बात कार्यक्रम में आज प्रधानमंत्री मोदी
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नई दिल्ली- जाने क्यूं पीएम मोदी ने मन की बात में केरल की इस महिला का किया जिक्र, समाज के लिए थे ये सभी कार्य

Mann Ki Baat, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर मन की बात’ (Mann Ki Baat) कार्यक्रम द्वारा समस्त देशवासियों को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने एक खास शख्सियत का जिक्र किया है। इस दौरान पीएम मोदी ने उनकी तारीफ भी की। दरअसल मन की बात कार्यक्रम में आज प्रधानमंत्री मोदी ने सिस्टर मरियम थ्रेसिया का जिक्र किया और उनके द्वारा किये गए कार्यों को सराहना की। बता दें कि सिस्टर मरियम थ्रेसिया (Sister Mariam Thresia) भारत की महिला संत बनने वाली हैं।

13 अक्टूबर को मिलेगी संत की उपाधि

‘मन की बात’ में पीएम ने सिस्टर मरियम के कार्यों का उल्लेख किया है। पोप फ्रांसिस ने वेटिकन सिटी में ये फैसला लिया है कि वह आगामी 13 अक्टूबर को होने वाले उपाधि सम्मेलन में भारत में नन रहीं सिस्टर मरियम थ्रेसिया को संत की उपाधि औपचारिक तौर पर देंगे। केरल में सामाजिक उत्थान के कामों के लिए जीवन समर्पित करने वाली सिस्टर मरियम को क्यों मदर टेरेसा की तरह माना जाता है। आइयें आपको बताते है कौन है सिस्टर मरियम?

मदर टेरेसा के साथ उनमें कई समानताएं भी रहीं हैं

संत की उपाधि देने की घोषणा से पहले 1999 में सिस्टर मरियम को सम्माननीय एवं पूज्यनीय घोषित किया गया था और साल 2000 में उन्हें धन्य आत्मा भी कहा गया था। ये दोनों ही घोषणाएं पोप जॉन पॉल द्वितीय ने की थीं। केरल में जन्मीं सिस्टर मरियम को मृत्युपरांत संत घोषित किया जाएगा और यही एक बात है जो उन्हें मदर टेरेसा से अलग करती है। मदर टेरेसा के साथ उनमें कई समानताएं भी रहीं है।

नई दिल्ली- जाने क्यूं पीएम मोदी ने मन की बात में केरल की इस महिला का किया जिक्र, समाज के लिए थे ये सभी कार्य

केरल के त्रिशूर जिले में हुआ था जन्म

केरल के धार्मिक लोग सिस्टर मरियम को उनके सामाजिक कामों के लिए याद करते हैं और बताते हैं कि वो गरीब या दीन हीन तबके के लिए बेहद संवेदनशील थीं। इस दयाभाव के कारण उनकी तुलना मदर टेरेसा के साथ अक्सर की जाती है। 26 अप्रैल 1876 को केरल के त्रिशूर जिले में जन्मीं सिस्टर मरियम 50 साल की उम्र में 8 जून 1926 को दुनिया छोड़ गई थीं लेकिन उनके किए काम आज भी याद किए जाते हैं और उनकी बनाई संस्था आज भी चल रही है।