नई दिल्ली- भारत की मशहूर गायिका लता मंगेशकर की हालत नाजुक, देवभूमी में यहां बसने का है ख्वाब

Indian Singer Lata Mangeshkar, भारत की सबसे लोकप्रिय गायिका व सुरों की मलिका लता मंगेशकर का स्वास्थ्य इन दिनों ठीक नहीं है। पिछले दो दिन से वह आईसीयू में भर्ती हैं। बताया जा रहा है कि लता मंगेशकर को सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही है। जिसकी वजह से उनको हॉस्पिटल में भर्ती कराया
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नई दिल्ली- भारत की मशहूर गायिका लता मंगेशकर की हालत नाजुक, देवभूमी में यहां बसने का है ख्वाब

Indian Singer Lata Mangeshkar, भारत की सबसे लोकप्रिय गायिका व सुरों की मलिका लता मंगेशकर का स्वास्थ्य इन दिनों ठीक नहीं है। पिछले दो दिन से वह आईसीयू में भर्ती हैं। बताया जा रहा है कि लता मंगेशकर को सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही है। जिसकी वजह से उनको हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी स्थिति फिलहाल नाजुक बनी हुई है।

नई दिल्ली- भारत की मशहूर गायिका लता मंगेशकर की हालत नाजुक, देवभूमी में यहां बसने का है ख्वाब

ऐसे में फैंस के साथ बड़ी-बड़ी हस्तियां उनके स्वास्थ्य को लेकर दुआएं मांग रही हैं। सुरों की मलिका कहे जाने वाली लता मंगेशकर के जल्द स्वस्थ होने की कामना फ़िल्मी जगत से लेकर राजनीति तक के बड़े-बड़े लोग कर रहे है। उनके फैन्स सोशल मीडिया के माध्यम से उनके जल्द ठीक होने के संदेस भी लगातार साझा कर रहे है।

उत्तराखंड में बसने का है ख्वाब

क्या आपको पता है कि भारत की मशहूर गायिका लता मंगेशकर का देवभूमी से बेहद की खास लगाव है। उत्तराखंड की सुदंरता के प्रति उनका प्रेम उनके द्वारा गाये गए पहाड़ी गाने “मन भरमेगी” में बखूबी देखने को मिला। लता मंगेशकर ने इस पहाड़ी गाने के माध्यम से उत्तराखंड की सुदंर और शांत वादियों का जिक्र किया है। इस गाने को गाकर उन्होंने यह दरशाया कि देवभूमि को लेकर उनके दिल में कितना प्यार है।

नई दिल्ली- भारत की मशहूर गायिका लता मंगेशकर की हालत नाजुक, देवभूमी में यहां बसने का है ख्वाब

इतना ही नहीं एक इंटरव्यू में उन्होंने यहां बसने तक की बात कही। लता ने कहा था कि उनका मन है कि वो भी देवभूमि में घर बसाकर रहें। लता मंगेशवर द्वारा गाया गया ये गाना बेहद ही पुराना है। इस गाने में दिखाया गया है कि किस तरह से उत्तराखंड की हसीन वादियों में हर कोई खो जाता है। ‘मन भरमेगी मेरी सुध बुध ख्वेगी, सुण तेरी बांसुरी धुन’। इस गाने में वो सब कुछ दिखाया गया है, जो उत्तराखंड की खूबसूरती को बयां करता है।

लता मंगेशकर का जीवन परिचय

लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर, 1929 में मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में हुआ। उनके पिता पंडित दीनानाथ रंगमंच एलजीके कलाकार और गायक थे। इनके परिवार से भाई हृदयनाथ मंगेशकर और बहनों उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर और आशा भोंसले सभी ने संगीत को ही अपनी आजीविका के लिये चुना। हालाँकि लता मंगेशकर का जन्म इंदौर में हुआ था, लेकिन उनकी परवरिश महाराष्ट्र मे हुई। वह बचपन से ही गायक बनना चाहती थीं। बचपन में कुन्दन लाल सहगल की एक फ़िल्म चंडीदास देखकर उन्होंने कहा था कि वो बड़ी होकर सहगल से शादी करेगी।

नई दिल्ली- भारत की मशहूर गायिका लता मंगेशकर की हालत नाजुक, देवभूमी में यहां बसने का है ख्वाब

पहली बार लता ने वसंग जोगलेकर द्वारा निर्देशित एक फ़िल्म कीर्ती हसाल के लिये गाया। उनके पिता नहीं चाहते थे कि लता फ़िल्मों के लिये गाये इसलिये इस गाने को फ़िल्म से निकाल दिया गया। लेकिन उनकी प्रतिभा से वसंत जोगलेकर काफी प्रभावित हुये। पिता की मृत्यु के बाद (जब लता सिर्फ़ तेरह साल की थीं), लता को पैसों की बहुत किल्लत झेलनी पड़ी इस दौरान उन्हें काफी संघर्ष भी करना पड़ा।

जब पैसों की किल्लत ने बनाया गायक से अभिनेत्री

उन्हें अभिनय बहुत पसंद नहीं था। लेकिन पिता की असामयिक मृत्यु की वज़ह से पैसों के लिये उन्हें कुछ हिन्दी और मराठी फ़िल्मों में अभिनय तक करना पड़ा। अभिनेत्री के रूप में उनकी पहली फ़िल्म पाहिली मंगलागौर (1942) रही, जिसमें उन्होंने स्नेहप्रभा प्रधान की छोटी बहन की भूमिका निभाई। बाद में उन्होंने कई फ़िल्मों में अभिनय किया जिनमें, माझे बाल, चिमुकला संसार (1943), गजभाऊ (1944), बड़ी माँ (1945), जीवन यात्रा (1946), माँद (1948), छत्रपति शिवाजी (1952) शामिल थी।

नई दिल्ली- भारत की मशहूर गायिका लता मंगेशकर की हालत नाजुक, देवभूमी में यहां बसने का है ख्वाब

बड़ी माँ, में लता ने नूरजहाँ के साथ अभिनय किया और उसके छोटी बहन की भूमिका निभाई आशा भोंसलेने। उन्होंने खुद की भूमिका के लिये गाने भी गाये और आशा के लिये पार्श्वगायन किया। भारत की सबसे लोकप्रिय और आदरणीय गायिका लता मंगेशकर ने लगभग तीस से ज्यादा भाषाओं में फ़िल्मी और गैर-फ़िल्मी गाने गाये हैं। लेकिन उनकी पहचान भारतीय सिनेमा में एक पार्श्वगायक के रूप में रही। अपनी बहन आशा भोंसले के साथ लता का फ़िल्मी गायन में सबसे बड़ा योगदान रहा है।

जीवन में हासिल किये कई पुरस्कार

लता जी की युवावस्था की छबि
फिल्म फेयर पुरस्कार (1958, 1962, 1965, 1969, 1993 and 1994)
राष्ट्रीय पुरस्कार (1972, 1975 and 1990)
महाराष्ट्र सरकार पुरस्कार (1966 and 1967)
1969 – पद्म भूषण
1974 – दुनिया में सबसे अधिक गीत गाने का गिनीज़ बुक रिकॉर्ड
1989 – दादा साहब फाल्के पुरस्कार
1993 – फिल्म फेयर का लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार
1996 – स्क्रीन का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
1997 – राजीव गान्धी पुरस्कार
1999 – एन.टी.आर. पुरस्कार
1999 – पद्म विभूषण
1999 – ज़ी सिने का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
2000 – आई. आई. ए. एफ. का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
2001 – स्टारडस्ट का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
2001 – भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न”
2001 – नूरजहाँ पुरस्कार
2001 – महाराष्ट्र भूषण
पिता दिनानाथ मंगेशकर शास्त्रीय गायक थे।
उन्होने अपना पहला गाना मराठी फिल्म ‘किती हसाल’ (कितना हसोगे?) (1942) में गाया था।
लता मंगेशकर को सबसे बड़ा ब्रेक फिल्म महल से मिला। उनका गाया “आयेगा आने वाला” सुपर डुपर हिट था।
लता मंगेशकर अब तक 20 से अधिक भाषाओं में 30000 से अधिक गाने गा चुकी हैं।
लता मंगेशकर ने 1980 के बाद से फ़िल्मो में गाना कम कर दिया और स्टेज शो पर अधिक ध्यान देने लगी।
लता ही एकमात्र ऐसी जीवित व्यक्ति हैं जिनके नाम से पुरस्कार दिए जाते हैं।
लता मंगेशकर ने आनंद घन बैनर तले फ़िल्मो का निर्माण भी किया है और संगीत भी दिया है।
वे हमेशा नंगे पाँव गाना गाती हैं।

लता मंगेशकर के 10 हिट गाने

1. Hothon Main Aisi Baat, Jewel Thief
2. Tujhe Dekha Toh Yeh Jana, Dilwale Dulhania Le Jayenge
3. Aaj Phir Jeene Ki Tamanna, Guide
4. Piya Tose, Guide
5. Kora Kagaz Tha Yeh Man Mera, Aradhana
6. Aap ki nazron ne samjha, Anpadh
7. Mera Saaya Saath Hoga, Mera Saaya
8. Humein Aur Jeene Ki, Agar Tum Na Hote
9. Jiya Jale, Dil Se
10. Kabhi Khushi Kabhie Gham, K3G