नई दिल्ली- वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया क्या है पीएम मोदी का आर्थिक पैकेज, जाने आपको किस किस क्षेत्र में मिली राहत

पीएम नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को देश की जनता को संबोधित करते हुए आर्थित पैकेज की घोषणा की थी। पीएम मोदी की इस घोषणा के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योगों (MSME), सेक्टर को बिना किसी गारंटी के तीन लाख करोड़
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नई दिल्ली- वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया क्या है पीएम मोदी का आर्थिक पैकेज, जाने आपको किस किस क्षेत्र में मिली राहत

पीएम नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को देश की जनता को संबोधित करते हुए आर्थित पैकेज की घोषणा की थी। पीएम मोदी की इस घोषणा के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योगों (MSME), सेक्टर को बिना किसी गारंटी के तीन लाख करोड़ रुपये का लोन देगी। पीएम मोदी को इस योजना को कॉलेट्रल फ्री लोन गारंटी योजना का नाम दिया गया है।

वित्त मंत्री ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के बारे में कहा कि सभी पक्षों से बातचीत के बाद यह पैकेज तैयार हुआ है। पैकेज में इंडस्ट्री का ध्यान रखा गया। ग्रोथ में तेजी लाने के लिए यह पैकेज देश के लिए जरूरी था। उन्होंने कहा कि MSME को 4 साल के लिए लोन दिया जाएगा। पहले एक साल में MSME कंपनियों को मूलधन लौटाने की जरूरत नहीं होगी।

लोकल ब्रांड को ग्लोबल बनाना आत्मनिर्भर भारत मिशन

वित्तमंत्री ने कॉन्फ्रेंस की शुरुआत आत्म-निर्भर भारत अभियान के साथ की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने देश के सामने आत्मनिर्भर भारत का विजन पेश किया है। वित्त मंत्री ने विश्वास जताया कि इस पैकेज से भारत आत्म-निर्भर बनेगा। वित्त मंत्री ने बताया कि लोकल ब्रांड को ग्लोबल बनाना आत्मनिर्भर भारत मिशन का पार्ट है।

 

इस पैकेज की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन के दौरान की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि यह पैकेज कोरोना संकट के इस काल में देश को आत्म-निर्भर बनाने के संकल्प के साथ लाया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि ये पैकेज देश के श्रमिकों, किसानों, मध्यम वर्ग, कुटीर उद्योग एवं MSME सेक्टर के लिए हैं। प्रधानमंत्री मोदी की इस घोषणा के बाद से लोग बेसब्री से पैकेज के विवरण का इंतजार कर रहे हैं।

जरुरी प्लाईंट से समझे आर्थिक पैकेज

  • MSME के लिए 3 लाख करोड़ बिना गारंटी के लोन देंगे
  • कॉलेटरल फ्री लोन से 45 लाख MSME को फायदा होगा
  • MSME को 4 साल के लिए लोन दिया जाएगा
  • 25 करोड़ तक लोन से 100 करोड़ टर्नओवर वालों को फायदा होगा
  • 4 साल के लोन में मोरेटोरियम 12 महीने
  • 3 लाख करोड़ में से 20 करोड़ NBFC के लिए
  • एमएसएमई के लिए 50000 करोड़ का फंड ऑफ फंड्स बनेगा
  •  MSMEs के लिए 50 हजार करोड़ का फंड ऑफ़ फंड्स बनेगा
  • MSMEs की परिभाषा बदलेगी
  • MSME को e मार्केट से जोड़ा जाएगा
  • Discom में 90 हजार करोड़ की नकदी डालेंगे
  • 10 करोड़ से 50 करोड़ वाली कंपनी स्माल रहेगी
  • 200 करोड़ से कम वाले में ग्लोबल टेंडर नहीं होगा। एमएसएमई को लाभ दिया जाएगा।
  • ईपीएफ में 2500 करोड़ रुपए का निवेश होगा।
  • EPF को लेकर पहले दी गई राहत जून, जुलाई और अगस्त में भी सरकार द्वारा दी जाएगी।
  • ईपीएफ में सरकारी मदद से 72 लाख कर्मचारियों को फायदा
  • ईपीएफ में निजी कंपनियों के अंशदान को 12 फीसद से घटाकर 10 फीसद किया गया।
  • ईपीएफ में कटौती एंप्लॉयर्स को 6800 करोड़ का फायदा: वित्त मंत्री
  • एनबीएफसी, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों और MFIs के लिए 30,000 रुपये की नकदी सुविधा
  • डिस्कॉम को कैश फ्लो की भारी दिक्कत: वित्त मंत्री
  • 31, 2021 मार्च तक TDS/ TCS में 25% की भारी कटौती
  • एमएसएमई के लिए ई-मार्केट लिंकेज पर जोर दिया जाएगा
  • सरकार एमएसएमई के बाकी पेंमेंट 45 दिनों के अंदर करेगी
  • TDS रेट में 25 फीसद की कटौती
  • सभी तरह के पेमेंट पर लागू होगा
  • कल से 31 मार्च तक रहेगा लागू
  • वर्ष 2019-2020 के लिए आयकर रिटर्न की देय तिथि अब 31 जुलाई और 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 तक कर दी गई है

इससे पहले भी की थी घोषणा

केंद्र सरकार ने इससे पहले मार्च में 1.70 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी। इस पैकेज के तहत सरकार ने मुफ्त में अनाज के वितरण के साथ-साथ गरीब महिलाओं और बुजुर्गों के लिए नकदी हस्तांतरण की घोषणा की थी। सरकार ने इसे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का नाम दिया था।

देश में कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है। इस वजह से आर्थिक गतिविधियां बिल्कुल ठप पड़ गई हैं। लोगों को कारोबार ठप हो गया है। इस वजह से कई लोगों की आजीविका पर असर पड़ा है। इस दृष्टि से आर्थिक पैकेज की सख्त जरूरत थी और विभिन्न हलकों में इसकी मांग हो रही थी।