नई दिल्ली- तीन तलाक बिल पास होने के बाद खिले मुस्लिम महिलाओं के चेहरे, जाने क्या है तीन तलाक बिल में प्रावधान

Triple talaq bill, राज्यसभा से तीन तलाक (Triple Talaq) का बिल पास हो गया है। यह बिल उन महिलाओं के लिए संबल बना है जो अब तक पति के हर जुल्म को अपना नसीब मान कर उसे सहती आई थीं। मोदी सरकार ने लोकसभा चुनावों में किये सबसे अहम वादों में से एक Triple talaq
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नई दिल्ली- तीन तलाक बिल पास होने के बाद खिले मुस्लिम महिलाओं के चेहरे, जाने क्या है तीन तलाक बिल में प्रावधान

Triple talaq bill, राज्यसभा से तीन तलाक (Triple Talaq) का बिल पास हो गया है। यह बिल उन महिलाओं के लिए संबल बना है जो अब तक पति के हर जुल्म को अपना नसीब मान कर उसे सहती आई थीं। मोदी सरकार ने लोकसभा चुनावों में किये सबसे अहम वादों में से एक Triple talaq bill को राज्यसभा से पास करा लिया है। अब सिर्फ Triple talaq bill पर राष्ट्रपति की मुहर का इंतजार है, जिसके बाद यह कानून बन जाएगा।

कानून बनते ही तीन तलाक देने वालों को जेल भेजे जाने का रास्ता साफ हो जाएगा। हालांकि, राज्यसभा में पास होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी महज एक औपचारिकता मात्र है। उम्मीद यही जताई जा रही है कि राष्ट्रपति भी इस बिल पर हस्ताक्षर कर अपनी मंजूरी दे देंगे। राज्यसभा में Triple talaq bill पर जहां 99 वोट पड़े, वहीं विरोध में 84 वोट आए। इस तरह से 15 वोटों से Triple talaq bill को राज्यसभा ने मंजूरी दे दी। इस बिल को पास कराने के लिए सभापति ने डिविजन के जरिए वोटिंग प्रक्रिया का सहारा लिया। बता दें कि लोकसभा में यह बिल पहले ही पास हो चुका है। तो चलिए जानते हैं।

नई दिल्ली- तीन तलाक बिल पास होने के बाद खिले मुस्लिम महिलाओं के चेहरे, जाने क्या है तीन तलाक बिल में प्रावधान

10 प्वाइंट में Triple talaq bill पर राज्यसभा में क्या-क्या हुआ…

1. संसद ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देने की प्रथा पर रोक लगाने के प्रावधान वाले एक ऐतिहासिक विधेयक को मंगलवार को मंजूरी दे दी। विधेयक में तीन तलाक का अपराध सिद्ध होने पर संबंधित पति को तीन साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है।

2. मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक को राज्यसभा ने 84 के मुकाबले 99 मतों से पारित कर दिया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है। इससे पहले उच्च सदन ने विधेयक को प्रवर समिति में भेजने के विपक्षी सदस्यों द्वारा लाये गये प्रस्ताव को 84 के मुकाबले 100 मतों से खारिज कर दिया। विधेयक पर लाये गये कांग्रेस के दिग्विजय सिंह के एक संशोधन को सदन ने 84 के मुकाबले 100 मतों से खारिज कर दिया।

3. विधेयक पारित होने से पहले ही जदयू एवं अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने इससे विरोध जताते हुए सदन से बहिर्गमन किया। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि एक प्रसिद्ध न्यायाधीश आमिर अली ने 1908 में एक किताब लिखी है। इसके अनुसार तलाक ए बिद्दत का पैगंबर मोहम्मद ने भी विरोध किया है।

4. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि एक मुस्लिम आईटी पेशेवर ने उनसे कहा कि तीन बेटियों के जन्म के बाद उसके पति ने उसे एसएमएस से तीन तलाक कह दिया है। उन्होंने कहा ”एक कानून मंत्री के रूप में मैं उससे क्या कहता? क्या यह कहता कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय को मढ़वा कर रख लो। अदालत में अवमानना का मुकदमा करो। पुलिस कहती है कि हमें ऐसे मामलों में कानून में अधिक अधिकार चाहिए।

5. रविशंकर प्रसाद ने शाहबानो मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले को पलटने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार द्वारा लाये गये विधेयक का जिक्र करते हुए कहा, ” मैं नरेन्द्र मोदी सरकार का कानून मंत्री हूं, राजीव गांधी सरकार का कानून मंत्री नहीं हूं। उन्होंने कहा कि यदि मंशा साफ हो तो लोग बदलाव की पहल का समर्थन करने को तैयार रहते हैं।

तीन तलाक बिल | जानें नेताओं से लेकर मुस्लिम महिलाओं की राय
संसद ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देने की प्रथा पर रोक लगाने के प्रावधान वाले एक ऐतिहासिक विधेयक को मंगलवार को मंजूरी दे दी। विधेयक में तीन तलाक का अपराध सिद्ध होने पर संबंधित पति को तीन साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है।

6. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जब इस्लामिक देश अपने यहां अपनी महिलाओं की भलाई के लिए बदलाव की कोशिश कर रहे हैं तो हम तो एक लोकतांत्रिक एवं धर्मनिरपेक्ष देश हैं, हमें यह काम क्यों नहीं करना चाहिए? उन्होंने कहा कि तीन तलाक से प्रभावित होने वाली करीब 75 प्रतिशत महिलाएं गरीब वर्ग की होती हैं। ऐसे में यह विधेयक उनको ध्यान में रखकर बनाया गया है। प्रसाद ने कहा कि हम ”सबका साथ सबका विकास एवं सबका विश्वास में भरोसा करते हैं और इसमें हम वोटों के नफा नुकसान पर ध्यान नहीं देंगे और सबके विकास के लिए आगे बढ़ेंगे और उन्हें (मुस्लिम समाज को) पीछे नहीं छोड़ेंगे।

7. मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक में यह भी प्रावधान किया गया है कि यदि कोई मुस्लिम पति अपनी पत्नी को मौखिक, लिखित या इलेक्ट्रानिक रूप से या किसी अन्य विधि से तीन तलाक देता है तो उसकी ऐसी कोई भी ‘उदघोषणा शून्य और अवैध होगी। इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि तीन तलाक से पीड़ित महिला अपने पति से स्वयं और अपनी आश्रित संतानों के लिए निर्वाह भत्ता प्राप्त पाने की हकदार होगी। इस रकम को मजिस्ट्रेट निर्धारित करेगा।

8. इससे पहले करीब 4 घंटे तक राज्यसभा में केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए तीन तलाक विधेयक पर चर्चा हुई। विपक्ष की लागातर मांग और चर्चा पूरी होने के बाद सभापति ने सेलेक्ट कमेटी के पास बिल को भेजे जाने के लिए वोटिंग कराया। सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे जाना वाला प्रस्ताव 100/84 से गिर गया। यानी बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने के पक्ष में जहां 84 लोगों ने वोट किया, वहीं 100 लोगों ने इसके विरोध में वोट किया।

9. क्या है तीन तलाक बिल में प्रावधान

मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक में यह भी प्रावधान किया गया है कि यदि कोई मुस्लिम पति अपनी पत्नी को मौखिक, लिखित या इलेक्ट्रानिक रूप से या किसी अन्य विधि से तीन तलाक देता है तो उसकी ऐसी कोई भी ‘उदघोषणा शून्य और अवैध होगी। इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि तीन तलाक से पीड़ित महिला अपने पति से स्वयं और अपनी आश्रित संतानों के लिए निर्वाह भत्ता प्राप्त पाने की हकदार होगी। इस रकम को मजिस्ट्रेट निर्धारित करेगा।

10. किन-किन देशों में बैन है तीन तलाक:
इजिप्ट
पाकिस्तान
बांग्लादेश
इराक
श्रीलंका
सीरिया
ट्यूनीशिया
मलेशिया
इंडोनेशिया

इन देशों में भी बैन है तीन तलाक:
इन देशों के अलावा साइप्रस, जॉर्डन, अल्जीरिया, इरान, ब्रुनेई, मोरक्को, कतर और यूएई में भी ट्रिपल तलाक को बैन किया गया है।