नई दिल्ली-10 को मनाया जायेगा मानवाधिकार दिवस, पढिय़े क्यों मनाया जाता है हर साल

नई दिल्ली-ऐसा माना जाता है कि मानवाधिकार के लिए ईसा पूर्व 539 सदी में काम किया गया था। जब साइरस महान की फौज ने बेबीलॉन को जीत लिया तो साइरस ने गुलामों को आजाद कर दिया। उन्होंने घोषणा की थी कि सभी लोगों को अपना धर्म चुनने की आजादी है और नस्लीय समानता स्थापित किया।
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नई दिल्ली-10 को मनाया जायेगा मानवाधिकार दिवस, पढिय़े क्यों मनाया जाता है हर साल

नई दिल्ली-ऐसा माना जाता है कि मानवाधिकार के लिए ईसा पूर्व 539 सदी में काम किया गया था। जब साइरस महान की फौज ने बेबीलॉन को जीत लिया तो साइरस ने गुलामों को आजाद कर दिया। उन्होंने घोषणा की थी कि सभी लोगों को अपना धर्म चुनने की आजादी है और नस्लीय समानता स्थापित किया। मानवीय अधिकारों को पहचान देने और उसके हक की लड़ाई को ताकत देने के लिए हर वर्ष 10 दिसंबर को अंतरराष्‍ट्रीय मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। पूरी दुनियां में मानवता के खिलाफ हो रहे जुल्मों रोकने और उसके खिलाफ आवाज उठाने में इस दिवस की महत्वूपूर्ण भूमिका है।

भारत में मानवाधिकार कानून 28 सितंबर वर्ष 1993 में अमल में आया। सरकार ने 12 अक्टूबर वर्ष 1993 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन किया। मानवाधिकार आयोग राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्षेत्रों में भी काम करता है। मानवाधिकार दिवस लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। मानवाधिकार में स्वास्थ्य, आर्थिक सामाजिक और शिक्षा का अधिकार भी शामिल है। मानवाधिकार वे मूलभूत नैसर्गिक अधिकार हैं जिनसे मनुष्य को नस्ल, जाति, राष्ट्रीयता, धर्म, लिंग आदि के आधार पर वंचित या प्रताडि़त नहीं किया जा सकता।

ऐसे काम करता है आयोग

कमीशन किसी पीडि़त या उसकी ओर से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई और कार्यवाही करता है। इसके अलावा अदालत की स्वीकृति से मानवाधिकार हनन संबंधित मामलों में हस्तक्षेप भी करता है। आयोग को जेल का निरीक्षण करने का भी अधिकार प्राप्त है।