नई दिल्ली- कभी इनकी गेंदों से खौफ खाते थे बल्लेबाज, विश्व कप 2011 का हिस्सा रहे इस तेज गेंदबाज ने कहा क्रिकेट को अलविदा

नई दिल्ली-न्यूज टुडे नेटवर्क- भारत को 2011 में विश्व चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले मुनाफ पटेल ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। दाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने अपने करियर में 13 टेस्ट, 70 वनडे और तीन टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले। 35 साल के मुनाफ ने भले ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा
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नई दिल्ली- कभी इनकी गेंदों से खौफ खाते थे बल्लेबाज, विश्व कप 2011 का हिस्सा रहे इस तेज गेंदबाज ने कहा क्रिकेट को अलविदा

नई दिल्ली-न्यूज टुडे नेटवर्क- भारत को 2011 में विश्व चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले मुनाफ पटेल ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। दाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने अपने करियर में 13 टेस्ट, 70 वनडे और तीन टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले। 35 साल के मुनाफ ने भले ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है, लेकिन वे क्रिकेट का मैदान नहीं छोडग़े। वे आगामी टी-10 लीग का हिस्सा होंगे, जिसमें वे राजपूत टीम के साथ दिखेंगे। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए अपने संन्यास का ऐलान किया। मुनफ ने कहा कि वो क्रिकेट के तीनों फॉरमैट को अलविदा कह रहे हैं। उन्होंने अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच सितंबर 2011 में खेला था। इसके बाद से वो टीम में जगह नहीं बना सके।

नई दिल्ली- कभी इनकी गेंदों से खौफ खाते थे बल्लेबाज, विश्व कप 2011 का हिस्सा रहे इस तेज गेंदबाज ने कहा क्रिकेट को अलविदा

15 साल मेरी जिंदगी के स्वर्णिम दिन-मुनाफ

मुनफ ने कहा कि ये बहुत शानदार सफर रहा। पिछले 15 साल मेरी जिंदगी के स्वर्णिम दिन रहे। जब मैं अपने गांव में बच्चा था तो मैंने कभी ऐसा सोचा भी नहीं था। मैंने जो कुछ हासिल किया मुझे उस पर गर्व है और परिवार, दोस्तों, शुभचिंतकों और मेरे फैन्स के सपोर्ट से मैं ये सब कर पाया। मुनफ ने आगे लिखा मैं एमआरएफ पेस फाउंडेशन, क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बड़ौदा, मुंबई, गुजरात, महाराष्ट्र और बीसीसीआई को शुक्रिया अदा करना चाहूंगा। आईपीएल फ्रेंचाइजी राजस्थान रॉयल्स, मुंबई इंडियंस और गुजरात लायंस को भी शुक्रिया कहना चाहता हू। मैं तहे दिल से आप लोगों को शुक्रिया कहना चाहता हूं, जिन्होंने मेरा सपोर्ट किया। मुझे मालूम है कि मैं अच्छा फील्डर नहीं था और कई मौकों पर आप लोगों को मुझ पर गुस्सा भी आया होगा। लेकिन मैं इतना कह सकता हूं कि मैंने अपना बेस्ट किया। 2011 वल्र्ड कप को भी याद किया और खुद को खुशनसीब मानते हैं कि टीम को ट्रॉफी जिताने में वो छोटी-सी भूमिका निभा सके थे।