इस घड़ी में कभी नहीं बजते 12, वजह है हैरान करने वाली

नई दिल्ली-न्यूज टुडे नेटवर्क : ये तो हम सब जानते है कि घडी में 12 बजते ही दिन में बदलाव आता है। रात में 12 बजते ही दूसरे दिन की शुरूआत हो जाती है, वहीं दिन के 12 बजते ही दूसरा पहर लग जाता है। कुल मिलाकर हर घडी में 12 जरूर बजते है। लेकिन
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इस घड़ी में कभी नहीं बजते 12, वजह है हैरान करने वाली

नई दिल्ली-न्यूज टुडे नेटवर्क : ये तो हम सब जानते है कि घडी में 12 बजते ही दिन में बदलाव आता है। रात में 12 बजते ही दूसरे दिन की शुरूआत हो जाती है, वहीं दिन के 12 बजते ही दूसरा पहर लग जाता है। कुल मिलाकर हर घडी में 12 जरूर बजते है। लेकिन आज हम एक ऐसी घड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें 12 कभी नहीं बजते हैं। जी हां, ये सच है। ये घड़ी स्विटजरलैंड देश सोलोथर्न शहर में है। यहां पर एक ऐसी घड़ी है, जहां कभी 12 नहीं बजता है। इस शहर के टाउन स्क्वेयर पर एक घड़ी लगी है। उस घड़ी में घंटे की सिर्फ 11 सुइयां हैं। 12 उसमें से गायब है। दरअसल इसके पीछे की वजह है कि इस शहर के लोगों को 11 नंबर से काफी लगाव है।

इस घड़ी में कभी नहीं बजते 12, वजह है हैरान करने वाली

सोलोथर्न शहर की अधिकतर चीजों का डिजाइन इस नंबर पर आधारित होता है। इस शहर के चर्च और चौपलों की संख्या भी 11-11 है। ऐतिहासिक झरने, संग्रहालय और यहां तक की टावर भी 11 नंबर के हैं। इस शहर के मुख्य चर्च सेंट उर्सूस में भी आपको 11 नंबर के प्रति लोगों में प्रेम देखने को मिलेगा।

यहां हर चीज में 11 नंबर नजर आती

जानकारी के अनुसार, सेंट उर्सूस चर्च 11 साल में बनकर तैयार हुआ था। इधर की सीढय़िों के तीन सेट हैं, प्रत्येक सेट में 11 पंक्तियां, 11 दरवाजे, 11 घंटियां और 11 वेदियां हैं। 11 नंबर से लोगों के लगाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां हर चीज में 11 नंबर नजर आता है। इस शहर के लोगों के जीवन में भी 11 नंबर का बेहद महत्व है।

इस घड़ी में कभी नहीं बजते 12, वजह है हैरान करने वाली

लोग 11वें जन्मदिन को खास तरह से सेलिब्रेट करते हैं। जन्मदिन के मौके पर गिफ्ट किया जाने वाला उपहार भी 11 नंबर पर आधारित होता है। यही वजह कि यहां की घड़ी एक पर कभी भी 12 नहीं बजता है।

11 नंबर से लोगों के प्यार की वजह-

11 नंबर के प्रति लोगों का लगाव के बारे में यहां कुछ पौराणिक मान्यता है। एक मान्यता के अनुसार, एक समय में सोलोर्थन के लोग काफी मेहनत करते थे। काफी काम करने के बावजूद उनकी जिंदगी में खुशियां नहीं थी। इस बीच यहां की पहाडि?ों से एल्फ आने लगे और यहां के लोगों का हौसला बढ़ाने लगे। एल्फ के आने से उनके जीवन में खुशहाली आने लगी।