नैनीताल- उत्तराखंड रोडवेज कर्मियों के रुके वेतन पर कोर्ट का ऐक्शन, परिवहन सचिव को दिये ये सख्त निर्देश

Uttarakhand roadways, उत्तराखंड में रोडवेज कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन नहीं मिलने की शिकायत चर्चा का विषय बनी हुई है। मामले में अब हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के जवाब पर नाराज़गी ज़ाहिर की है। हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि परिवहन सचिव कोर्ट में पेश होकर इस मामले का जवाब दें। कोर्ट ने सचिव को
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नैनीताल- उत्तराखंड रोडवेज कर्मियों के रुके वेतन पर कोर्ट का ऐक्शन, परिवहन सचिव को दिये ये सख्त निर्देश

Uttarakhand roadways, उत्तराखंड में रोडवेज कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन नहीं मिलने की शिकायत चर्चा का विषय बनी हुई है। मामले में अब हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के जवाब पर नाराज़गी ज़ाहिर की है। हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि परिवहन सचिव कोर्ट में पेश होकर इस मामले का जवाब दें। कोर्ट ने सचिव को 26 सितम्बर को ही पेश होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट रोडवेज़ कर्मचारी यूनियन की एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें कहा गया है कि अधिकारियों और सरकार की लापरवाही की वजह से कर्मचारियों के लिए अपने परिवार का भरण पोषण तक करना मुश्किल हो गया है।

नैनीताल- उत्तराखंड रोडवेज कर्मियों के रुके वेतन पर कोर्ट का ऐक्शन, परिवहन सचिव को दिये ये सख्त निर्देश

परिवार का खर्च उठाने में हो रही दिक्कत

आपको बता दें कि रोडवेज़ कर्मचारी यूनियन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर कहा है कि राज्य सरकार ने कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन नहीं दिया है। इसके चलते कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति बहुत विकट हो गई है और उनके लिए अपने परिवार का भरण पोषण करना तक मुश्किल हो गया है। इसके साथ ही याचिका में यह भी कहा गया है कि यूपी पर राज्य सरकार का 2002 से बकाया है जो अब तक का 700 करोड़ रुपये हो गया है। लेकिन सरकार उसे वसूलने के प्रति गंभीर नहीं हैं। यूनियन के वकील एमसी पंत ने बताया कि सरकार के वकील ने हाईकोर्ट को यह कहकर गुमराह करने की कोशिश की कि यूपी के सचिव से इस संबंध में बातचीत चल रही है।

नैनीताल- उत्तराखंड रोडवेज कर्मियों के रुके वेतन पर कोर्ट का ऐक्शन, परिवहन सचिव को दिये ये सख्त निर्देश

सरकार बसों को हायर कर नहीं देती पैसा

इसके बाद यूनियन की ओर से पंत ने कोर्ट को यह बताया कि यूपी के सचिव उत्तराखंड के अधिकारियों से काफ़ी सीनियर हैं इसलिए इनका केस बातचीत के लिए लिस्ट ही नहीं होता। याचिका में यह भी कहा गया है विभिन्न मौकों पर जिसमें आपदा भी शामिल है राज्य सरकार बसों को हायर करती है लेकिन उसका भी पैसा नहीं देती। अब तक सरकार पर केदारनाथ आपदा का भी पैसा बकाया है और यह अब तक 45 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है।