नैनीताल-वरिष्ठ पत्रकार प्रयाग पाण्डे की पुस्तक का प्रकाशन, उत्तराखंड में गांधी जी कार्यों पर गजब का संग्रह

नैनीताल-वरिष्ठ पत्रकार प्रयाग पाण्डे ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर एक किताब लिखी है। पुस्तक का नाम तपोभूमि में गांधी जी है। इस पुस्तक में गांधी जी ने सत्य-अंहिसा और पे्रम के व्रत का पालन करते हुए कैसे समाज से सबसे वंचित व शोषित लोगों के लिए उत्थान के लिए संघर्ष किया उसे दर्शाया गया है।
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नैनीताल-वरिष्ठ पत्रकार प्रयाग पाण्डे की पुस्तक का प्रकाशन, उत्तराखंड में गांधी जी कार्यों पर गजब का संग्रह

नैनीताल-वरिष्ठ पत्रकार प्रयाग पाण्डे ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर एक किताब लिखी है। पुस्तक का नाम तपोभूमि में गांधी जी है। इस पुस्तक में गांधी जी ने सत्य-अंहिसा और पे्रम के व्रत का पालन करते हुए कैसे समाज से सबसे वंचित व शोषित लोगों के लिए उत्थान के लिए संघर्ष किया उसे दर्शाया गया है। वरिष्ठ पत्रकार प्रयाग पाण्डे द्वारा गांधी-दर्शन, साधन-साध्य की शुद्धता व पवित्रता पर विशेष बल की विवेचना की है। इसके अलावा पुस्तक में गांधी जी उत्तराखंड के किन-किन स्थानों पर आये, यहां उन्होंने कैसे लोगों का उद्धार किया। कैसे पहाड़ के लोग उनसे प्रेरित हुए, इसकी पूरी कहानी अपने शब्दों में बयां की है। गांधी जी द्वारा समय-समय पर हरिद्वार मसूरी, ऋषिकेश, अल्मोड़ा, बागेश्वर, नैनीताल, कौसानी आदि स्थानों पर आकर कैसे लोगों को जागरूक किया और पुस्तक में कुमाऊं में प्रचलित कुली बेगार जैसी अमानवीय प्रथाओं का परिचय मिलता है। कैसे शांतिपूर्ण जनआंदोलनों के द्वारा कई कुप्रथाओं का अंत किया। इस पुस्तक में पढऩे के मिलता है।

नैनीताल-वरिष्ठ पत्रकार प्रयाग पाण्डे की पुस्तक का प्रकाशन, उत्तराखंड में गांधी जी कार्यों पर गजब का संग्रह

पुस्तक में कुमाऊं में कविताओं के माध्यम से गांधी जी ने कैसे सामाजिक और राजनीतिक संघर्ष किया और स्वतंत्रता सेनानियों व संतों से गांधी जी का व्यवहार कैसा था। कैसे गांधी जन मानस के नायक बन गये। इस पुस्तक से प्रयाग पाण्डे ने राष्ट्रपिता को केन्द्र में रखकर उत्तराखंड के गौरवशाली इतिहास की याद ताजा की है। कुल मिलाकर यह पुस्तक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे है परीक्षार्थियों के अलावा उत्तराखंड के इतिहास की जानकारी लेने और गांधी के संघर्ष की कहानी से प्रेरणा लेने वाले के लिए रोचक व ज्ञानर्वधक सिद्ध हो सकती है।

उत्तराखंड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन ने दी बधाई

उनकी पुस्तक तपोभूमि में गांधी जी के प्रकाशन पर उत्तराखंड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के जिलाध्यक्ष विपिन चन्द्रा ने उन्हें बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। साथ ही चन्द्रा ने पुस्तक की तारीफ करते हुए कहा कि यह पुस्तक उत्तराखंड के इतिहास की कहानी बंया करती है जिसमें कई रोचक जानकारियां पढऩे को मिलती है। पुस्तक में छोटी-छोटी घटनाओं को बड़ी विस्तार से समझाया गया है जो सराहनीय प्रयास है।

नैनीताल-वरिष्ठ पत्रकार प्रयाग पाण्डे की पुस्तक का प्रकाशन, उत्तराखंड में गांधी जी कार्यों पर गजब का संग्रह

आइये जानते है कौन है प्रयाग पाण्डे

प्रयाग पाण्डे लंबे समय से पत्रकारिता और लेखन के क्षेत्र में सक्रिय है। 23 जुलाई वर्ष 1960 में प्रयाग पाण्डे का जन्म श्री मोतीराम पाण्डे और श्रीमती कलावती पाण्डे के परिवार में हुआ। उन्हें बचपन से ही लिखने का शौक था। धीरे-धीरे यहीं शौक उनके रोजगार का साधन बन गया। उन्होंने देश के कई समाचार पत्रों, पत्रिकाओं में पहाड़, पेड, जल, जंगल, जमीन, पर्यावरण, शिक्षा-स्वास्थ्य, समाज के शोषित और पीडि़त लोगों की आवाज को उठाया। उन्होंने पर्यटन अध्ययन में स्तानक, हिन्दी में सृजनात्मक लेखन में डिप्लोमा और पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातकोत्तर डिप्लोमा किया। इसके बाद वह पूरी तरह से पत्रकारिता के क्षेत्र में कूद गये।

इसके अलावा वर्ष 1984 से 1991 तक साप्ताहिक उत्तराखंड नवनीति का प्रकाशन एवं संपादन किया। वर्ष 1987 में दैनिक जनसत्ता में अंशकालिक संवाददाता के रूप में कार्य किया। वर्ष 2003 से 2010 के दौरान सहारा समय में टीवी रिपोर्टर रहे। इससे पहले भी प्रयाग पाण्डे की वर्ष 2013 में पुस्तक देवभूमि का रण, वर्ष 2016 में नैनीताल: एक धरोहर और वर्ष 2019 में संयोगवश प्रकाशित हो चुकी है। जिसे लोगों ने खूब सराहा। अब उनकी नई पुस्तक तपोभूमि में गांधी जी प्रकाशित हुई है।