नैनीताल- कोरोना वायरस के खौफ में सरोवर नगरी, पर्यटकों के लिए लगी नो एंट्री!

कोरोना ने देखते ही देखते देश के लगभग सभी राज्यों को अपनी चपेट में लिया है। उत्तराखंड में भी कोरोना वायरस का एक मामला सामने आया है, जबकि दर्जनों लोग इस वायरस के डर से हर रोज जांच करा रहे है। देहरादून के बाद देवभूमी के सभी शहरों में प्रशासन ने कोरोना के प्रभाव को
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नैनीताल- कोरोना वायरस के खौफ में सरोवर नगरी, पर्यटकों के लिए लगी नो एंट्री!

कोरोना ने देखते ही देखते देश के लगभग सभी राज्यों को अपनी चपेट में लिया है। उत्तराखंड में भी कोरोना वायरस का एक मामला सामने आया है, जबकि दर्जनों लोग इस वायरस के डर से हर रोज जांच करा रहे है। देहरादून के बाद देवभूमी के सभी शहरों में प्रशासन ने कोरोना के प्रभाव को देखते हुए 31 मार्च तक सभी मॉल, मल्टीप्लैक्स, जिम, कोचिंग सेंटर, स्कूल आदी भीड़भाड़ एकत्रित होनी वाली जगहों को बंद कर दिया है।

नैनीताल- कोरोना वायरस के खौफ में सरोवर नगरी, पर्यटकों के लिए लगी नो एंट्री!

21 से 31 मार्च तक सभी होटल रहेंगे बंद

जिसके बाद उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटक स्थल नैनीताल में भी कोरोना के कहर देखने को मिल रहा है, ऐसे में नैनीताल घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए बुरी खबर है। दरअसल नैनीताल होटल एसोसिएशन ने 21 मार्च से 31 मार्च तक सभी होटलों को बंद रखने का निर्णय लिया है। होटल एसोसिएशन ने कोरोना के फैलते प्रकोप के डर को ध्यान में रखते हुए पूर्ण बन्द का फैसला लिया है।

होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश साह ने होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन के सदस्यों से कल 20 मार्च से होटलों में मेहमानों को लेने से इनकार करने का फरमान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में कोरोना के हालातों के वर्तमान परिस्थितियों का संज्ञान लेते हुए इस फैसले को लिया गया है। एसोसिएशन से जुड़े हुए सदस्य कल यानी 20 मार्च से अपने-अपने होटलों में पर्यटकों को कमरे नहीं देंगे। एसोसिएशन 21 मार्च से होटलों और रेस्टुरेंटों को बन्द रखेगा।

नैनीताल- कोरोना वायरस के खौफ में सरोवर नगरी, पर्यटकों के लिए लगी नो एंट्री!

उन्होंने यह भी कहा है कि ये आदेश सभी होटलों के लिए अनिवार्य है। अंत में उन्होंने कहा है कि हमें एकता का परिचय देना चाहिए जो समय की मांग है। अध्यक्ष के इस फरमान के बाद कई सदस्यों ने उनके कदम की सराहना की है। सदस्यों ने कहा है कि अध्यक्ष ने सही समय पर सही कदम उठाया है और ये आने वाले समय में सकारात्मक नतीजा दिखाएगा। कुछ सदस्यों ने तो ये भी लिखा है कि गैर सदस्य होटलों को बंद कराने के लिए प्रशासन ने कड़े कदम उठाने चाहिए।