नैनीताल-इसलिए कर दी थी सगे भाई की हत्या, अब हुई उम्र कैद की सजा

जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजीव खुल्बे की कोर्ट ने भाई की हत्या के मामले में आरोपी को दोषी करार दिया। कोर्ट ने सजा सुनाते हुए अभियुक्त को आजीवन कारवास और 10 हजार जुर्माना लगाया। जुर्माना न देने पर अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अभियोजन के अनुसार 22 मार्च 2017 को बिठौरिया नंबर एक मुखानी में मनोज
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नैनीताल-इसलिए कर दी थी सगे भाई की हत्या, अब हुई उम्र कैद की सजा

जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजीव खुल्बे की कोर्ट ने भाई की हत्या के मामले में आरोपी को दोषी करार दिया। कोर्ट ने सजा सुनाते हुए अभियुक्त को आजीवन कारवास और 10 हजार जुर्माना लगाया। जुर्माना न देने पर अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अभियोजन के अनुसार 22 मार्च 2017 को बिठौरिया नंबर एक मुखानी में मनोज बमोला व यशपाल बिष्ट ने थाने में सूचना दी कि उनके पड़ोसी सूर्यकांत पुत्र अनिल पांडे अर्से से गायब हैं और उसका भाई कृष्णकांत पानी की टंकी के पास गड्ढा खुदवा रहा है। जब वह पास गया तो वहां बदबू आ रही थी। इसकी सूचना उसने पुलिस को दी।

नैनीताल-इसलिए कर दी थी सगे भाई की हत्या, अब हुई उम्र कैद की सजा
सूचना मिलते ही एसआई सुशील जोशी व अन्य पुलिसकर्मी पहुंच गए थे तो कृष्णकांत अंजान बना रहा। लेकिन जब पुलिस ने कृष्णकांत से ही टैंक का ढक्कन खुदवाया तो कीचड़ हटाने पर अद्र्ध नग्न शव सड़ी गली मिला। जांच के बाद पुलिस ने मृतक के भाई कृष्णकांत के खिलाफ धारा-302 व 201 के तहत केस दर्ज किया। पूछताछ में उसने बताया कि सूर्यकांत के साथ घटना के रोज पैसे के लेनदेन को लेकर विवाद हुआ था। गालीगलौच व मारपीट होने पर कृष्णकांत ने सूर्यकांत की चाकू से वारकर हत्या कर दी।

आरोपी ने बताया कि उसके पिता बैंक से रिटायर थे तो उन्होंने सूर्यकांत के नाम 18 लाख व कृष्णकांत के नाम 16 लाख की एफडी की थी। पुलिस के आरोप पत्र दाखिल होने के बाद डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा द्वारा आरोप साबित करने के लिए नौ गवाह पेश किए। जिसमें एक गवाह यशपाल बिष्ट बयान से मुकर गया और पक्षद्रोही घोषित हो गया। अभियोजन व बचाव पक्ष की दलील सुनने व सबूतों के आधार पर कोर्ट ने अभियुक्त को हत्या करने व साक्ष्य छिपाने की धारा में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व दस हजार जुर्माने की सजा सुनाई। कोर्ट द्वारा सजा सुनाने के बाद अभियुक्त को हिरासत मेें लेकर जेल भेज दिया गया।