नैनीताल- मंत्री हरक सिंह रावत और बहू अनुकृति गुसाईं को हाईकोर्ट ने भेजा नोटिस, इस गड़बड़ी के लिए मांगा जवाब

नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार ने कैबिनेट मिनिस्टर और उनकी पुत्रवधू को नोटिस जारी किया है। दरअसल हाईकोर्ट ने भवन निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में गड़बड़ियों व निर्माण श्रमिकों को फायदा पहुंचाने के बजाय बोर्ड चेयरमैन की पुत्रवधू के एनजीओ को लाभ पहुंचाने के मामले में बुधवार को सुनउवाई की। मामले में कोर्ट ने बोर्ड
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नैनीताल- मंत्री हरक सिंह रावत और बहू अनुकृति गुसाईं को हाईकोर्ट ने भेजा नोटिस, इस गड़बड़ी के लिए मांगा जवाब

नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार ने कैबिनेट मिनिस्टर और उनकी पुत्रवधू को नोटिस जारी किया है। दरअसल हाईकोर्ट ने भवन निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में गड़बड़ियों व निर्माण श्रमिकों को फायदा पहुंचाने के बजाय बोर्ड चेयरमैन की पुत्रवधू के एनजीओ को लाभ पहुंचाने के मामले में बुधवार को सुनउवाई की। मामले में कोर्ट ने बोर्ड चेयरमैन श्रम मंत्री हरक सिंह रावत व उनकी पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं सहित सचिव श्रम व केंद्र सरकार के श्रम विभाग को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है।

नैनीताल- मंत्री हरक सिंह रावत और बहू अनुकृति गुसाईं को हाईकोर्ट ने भेजा नोटिस, इस गड़बड़ी के लिए मांगा जवाब

कोर्ट ने बोर्ड द्वारा मजदूरों के हित ना करने, बोर्ड के साधनों से एनजीओ को लाभ पहुंचाने और अधिकांश बड़े निर्माणों और निर्माण श्रमिकों के नियोक्ताओं व बिल्डरों से कल्याणकारी सैस की जानबूझकर वसूली न करने संबंधी मामले पर शपथ पत्र दायर करने के लिए कहा है। साथ ही श्रमायुक्त उत्तराखंड तथा केंद्रीय श्रम सचिव को भी इस मामले में जवाब दायर करने के लिए कहा है।

बोर्ड की गतिविधियों की जांच की मांग

हल्द्वानी निवासी अमित पांडेय ने जनहित याचिका दायर कर मामले में निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड उत्तराखंड द्वारा अनियमितता तथा मजदूरों के हित के बजाय एक एनजीओ के हित में बोर्ड के संसाधन खर्च करने का विषय उठाया गया है और साथ ही उक्त बोर्ड की गतिविधियों की जांच की मांग भी की गई है।

नैनीताल- मंत्री हरक सिंह रावत और बहू अनुकृति गुसाईं को हाईकोर्ट ने भेजा नोटिस, इस गड़बड़ी के लिए मांगा जवाब

मामले में बोर्ड चेयरमैन को ईमानदारी से पद का निर्वहन न करने के कारण हटाने की मांग भी की गई है। अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ ने याचिका में मजदूरों के हित में उठाए गए इस अनियमितता के विषय को महत्वपूर्ण बताया है।