नैनीताल- प्रवासियों के लिए हाईकोर्ट के आदेश, रेड जोन से आये है तो इस प्रक्रिया के बाद दाखिल होंगे उत्तराखंड

बाहरी राज्यों से उत्तराखंड लौनटे वाले प्रवासियों को लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। कोर्ट का कहना है कि रेड जोन से आने वाले प्रत्येक प्रवासी को आवश्यक रूप से बॉर्डर पर ही संस्थागत क्वारंटीन किया जाए। इसके साथ ही उनका कोरोना टेस्ट भी किया जाए। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही उन्हें
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नैनीताल- प्रवासियों के लिए हाईकोर्ट के आदेश, रेड जोन से आये है तो इस प्रक्रिया के बाद दाखिल होंगे उत्तराखंड

बाहरी राज्यों से उत्तराखंड लौनटे वाले प्रवासियों को लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। कोर्ट का कहना है कि रेड जोन से आने वाले प्रत्येक प्रवासी को आवश्यक रूप से बॉर्डर पर ही संस्थागत क्वारंटीन किया जाए। इसके साथ ही उनका कोरोना टेस्ट भी किया जाए। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही उन्हें घर भेजा जाए। ऐसे में अब प्रवासियों की राज्य में ऐन्ट्री कोरोना जांच के बाद ही सो सकेगी।

नैनीताल- प्रवासियों के लिए हाईकोर्ट के आदेश, रेड जोन से आये है तो इस प्रक्रिया के बाद दाखिल होंगे उत्तराखंड

तेजी से बढ़ रही संक्रमित मरीजों की संख्या

बता दें कि उत्तराखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों का आकड़ा 100 को पार कर चुका है। मंगलवार को जनपद नैनीताल में सात कोरोना मरीजों की पुष्टी हुई, बात पिछले एक हफ्ते की करें तो प्रदेश में इन दिनों कोरोना के मामले तेजी से बड़े है। ऐसे में आम नागरिक कोरोना के डर के साय में जीने को मजबूर है। उत्तराखंड के कई उचे पहाड़ी इलाको में भी कोरोना ने दस्तक दे दी है।

गांवों में जांच की पुख्ता व्यवस्था नहीं

इन हालातों में प्रदेश के कई गांवों में भी कोरोना संक्रमण को लेकर डर है। एक ग्राम प्रधान के मुताबिक बाहर से आने वाले किस व्यक्ति को कोरोना है और किसको नहीं, इसकी जांच की पुख्ता व्यवस्था नहीं है। ऐसे में गांव वाले हर आने वाले को भी शक की निगाह से देख रहे हैं। गांवों में सुविधाओं का न होना भी इस डर को बढ़ा रहा है। गांव में नहाने और अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए हर व्यक्ति के लिए अलग व्यवस्था नहीं होती।

एक ही स्नान घर का उपयोग पूरा परिवार करता है। ऐसे में किसी को होम क्वारंटाइन किया भी जाए, तो पूरे परिवार पर संक्रमण का खतरा रहता है। दूसरा गांव में सामुदायिक स्तर पर क्वांरटीन करने के लिए भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। कई जगह पंचायत घर कुछ ही लोगों के रहने लायक हैं। कई स्कूलों की हालत पहले से ही खराब हैं।