नैनीताल- जन औषधि केंद्रों के हालातों पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, 21 दिनों में इनसे मांगा जवाब

नैनीताल हाइकोर्ट ने सरकारी अस्पतालों में खुले जन औषधि केंद्रों में लंबे समय से चल रही दवाईयों की किल्लत पर सुनावई की है। मामले में दायर जनहित याचिका पर कोर्ट ने सचिव औषधि भारत सरकार, औषधि ब्यूरो भारत सरकार, स्वास्थ्य सचिव उत्तराखंड, जिला रेडक्रॉस सोसायटी नैनीताल व राज्य रेडक्रॉस सोसायटी को नोटिस जारी कर 21
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नैनीताल- जन औषधि केंद्रों के हालातों पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, 21 दिनों में इनसे मांगा जवाब

नैनीताल हाइकोर्ट ने सरकारी अस्पतालों में खुले जन औषधि केंद्रों में लंबे समय से चल रही दवाईयों की किल्लत पर सुनावई की है। मामले में दायर जनहित याचिका पर कोर्ट ने सचिव औषधि भारत सरकार, औषधि ब्यूरो भारत सरकार, स्वास्थ्य सचिव उत्तराखंड, जिला रेडक्रॉस सोसायटी नैनीताल व राज्य रेडक्रॉस सोसायटी को नोटिस जारी कर 21 दिनों के भीतर जवाब पेश करने को कहा है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि क्या वजह है जो जन औषधि केंद्रों में दवाइयां नहीं आ रही है।

अन्य संस्था को मिले औषधि केन्द्रों का संचालन

हल्द्वानी निवासी समाजसेवी अमित खोलिया ने जनहित याचिका दायर में कहा गया है कि नैनीताल जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में गरीबों को बाजार मूल्य से कम दामों पर जैनरिक दवाइयों को उपलब्ध कराने के मकसद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक जुलाई 2015 में जन औषधि केंद्रों को खोले गये थे। औषधि केंद्र सुचारु रूप से चलाने के लिए इसका जिम्मा रेडक्रॉस सोसायटी को सौंपा गया था।

नैनीताल- जन औषधि केंद्रों के हालातों पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, 21 दिनों में इनसे मांगा जवाब

मगर लंबे समय से इन केंद्रों की हालत इतनी खराब है कि दवाइयां ही उपलब्ध नहीं है, जबकि कोरोना काल चल रहा है ऐसे में लोग बाजार से महंगी दवाइयों को खरीदने के लिये मजबूर हैं। याचिका में उन्होंने बताया कि औषधि केंद्र में आई ड्राप के अलावा कुछ भी दवा उपलब्ध नहीं है। लिहाजा केंद्रों का संचालन रेडक्रॉस सोसायटी से हटा कर किसी अन्य संस्था को दिया जाए। कोर्ट ने मामले को गम्भीरता से लिया है।

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