मौनी अमावस्या: वाराणसी के घाटों पर उमड़ा आस्था का सैलाब

न्यूज टुडे नेटवर्क। आज मौनी अमावस्या के मौके पर वाराणसी में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। मौनी अमावस्या के दिन वाराणसी के घाटों पर भारी भीड़ देखी गई। वाराणसी के दशाश्वमेध घाट ,अस्सी घाट ,अहिल्याबाई घाट ,राजघाट ,भदैनी ,राणा महल ,दरभंगा ,पांडेय घाट ,रविदास घाट के साथ गंगा के उस पार भी स्नान करने
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मौनी अमावस्या: वाराणसी के घाटों पर उमड़ा आस्था का सैलाब

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। आज मौनी अमावस्या के मौके पर वाराणसी में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। मौनी अमावस्या के दिन वाराणसी के घाटों पर भारी भीड़ देखी गई। वाराणसी के दशाश्वमेध घाट ,अस्सी घाट ,अहिल्याबाई घाट ,राजघाट ,भदैनी ,राणा महल ,दरभंगा ,पांडेय घाट ,रविदास घाट के साथ गंगा के उस पार भी स्नान करने वालों की भारी भीड़ जुटी हुई है। घाटों पर घने कोहरे के बावजूद आस्था में कोई कमी नजर नहीं आ रही।

भीड़ को देखते हुए गोदौलिया और दशाश्वमेध मार्ग को नो व्हीकल जोन बनाया गया है। इसके अलावा अन्य प्रमुख मार्गों पर भी पुलिस ने बैरिकेडिंग की है। माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं। धर्म शास्त्रों के अनुसार 12 महीनों में माघ मास को अति उत्तम माना गया है। काशी में मौन रहकर गंगा स्नान करने से अश्वमेध यज्ञ के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। तीर्थों के पुरोहितों ने बताया कि मौन रहकर गंगा स्नान से कल्याण की उत्पत्ति होती है।

आज के दिन काले तिल का दान करना चाहिए। भगवान विष्णु को तेल का दीप अर्पित करना चाहिए। आज गंगा स्नान करने से ही भौतिक दैविक और दैहिक आदि पापों से मुक्ति मिलती है। जीवन काल में मनुष्य अक्सर दुर्भावना से मानसिक भावनाओं के चलते वाणी से अपशब्द बोलता है जो पाप होता है। इसका प्रायश्चित आज मौन व्रत में रहकर भी कर सकते हैं।