MJP Rohilkhand University: रुहेलखंड यूनिवर्सिटी ने पांच साल बाद विद्यार्थियों को दिया पास होने का मौका

बरेली: रुहेलखंड यूनिवर्सिटी (Rohilkhand University) ने पांच साल बाद पीएचडी कोर्सवर्क (PhD course work) की परीक्षा में फेल होने वाले विद्यार्थियों को पास होने का एक मौका दिया है। इन विद्यार्थियों को सत्र 2019 के साथ विद्यार्थियों के साथ मौका दिया गया है, जिन्होंने अपने सिनॉप्सिस (Synopsis) जमा नहीं की थी। इससे लगभग 200 विद्यार्थियों
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MJP Rohilkhand University: रुहेलखंड यूनिवर्सिटी ने पांच साल बाद विद्यार्थियों को दिया पास होने का मौका

बरेली: रुहेलखंड यूनिवर्सिटी (Rohilkhand University) ने पांच साल बाद पीएचडी कोर्सवर्क (PhD course work) की परीक्षा में फेल होने वाले विद्यार्थियों को पास होने का एक मौका दिया है। इन विद्यार्थियों को सत्र 2019 के साथ विद्यार्थियों के साथ मौका दिया गया है, जिन्होंने अपने सिनॉप्सिस (Synopsis) जमा नहीं की थी। इससे लगभग 200 विद्यार्थियों को बड़ी राहत मिली है, लंबे समय से वे मौके की मांग कर रहे थे।

MJP Rohilkhand University: रुहेलखंड यूनिवर्सिटी ने पांच साल बाद विद्यार्थियों को दिया पास होने का मौकाअब विद्यार्थी शोध पर्यवेक्षक (Research Supervisor) चुनकर अपनी सिनॉप्सिस जमा कर सकेंगे और कोर्सवर्क परीक्षा दे सकेंगे। रुहेलखंड यूनिवर्सिटी ने पीएचडी प्रवेश परीक्षा (PhD Entrance Exam) कराने के बाद 2015 में कोर्स पर कराया था। इस परीक्षा एक काफी विद्यार्थी फेल हुए थे। फेल होने की वजह से विद्यार्थियों को पीएचडी करने की अनुमति नहीं मिली थी। विद्यार्थी पिछले पांच साल से यूनिवर्सिटी से गुहार लगा रहे थे, कि उनको पास करने के लिए दोबारा से कोर्सवर्क की अनुमति दी जाए या फिर उनकी दोबारा परीक्षा कराई जाए।

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MJP Rohilkhand University: रुहेलखंड यूनिवर्सिटी ने पांच साल बाद विद्यार्थियों को दिया पास होने का मौका

https://youtu.be/yEWmOfXJRX8

यूनिवर्सिटी प्रशासन (University Administration) ने उनको यह कहते हुए अनुमति नहीं दी कि पीएचडी ऑर्डिनेंस (PhD Ordinance) में फेल छात्रों के लिए कोई प्रावधान नहीं है। लेकिन पांच साल बाद यूनिवर्सिटी ने इन विद्यार्थियों की मांग को मान लिया और उनको और कोर्सवर्क में शामिल होने की अनुमति दे दी है। इसके अलावा 2019 की कोर्सवर्क की परीक्षा में सिनॉप्सिस जमा न करने वाले विद्यार्थियों को भी अनुमति दी गई है। इन विद्यार्थियों को शोध विभाग (Research department) ने शोध पर्यवेक्षकों की सूची में शामिल शिक्षकों को चुनकर अपनी सिनॉप्सिस 24 जुलाई तक जमा करने को कहा है।