Mid Day Meal: अब स्कूलों में मिलेगा बढ़िया खाना, यह हो सकता है मेन्यू
देश में नई शिक्षा नीति (New education policy) लागू हो गई है। नई शिक्षा नीति लागू होने से सरकारी स्कूलों में पंजीकरण छात्रों के लिए मिड डे मील (midday mail) में भी बड़ा परिवर्तन किया जा सकता है। यह सुझाव एम्स दिल्ली (AIIMS Delhi) की एक कमेटी ने सरकार को दिया है। इस समय देश में मिड डे मील का सेवन करने वाले करीब 9 करोड़ 65 लाख बच्चे हैं।
एम्स द्वारा सुझाए गए मेन्यू (menu) के अनुसार नाश्ते में किसी दिन मूंगफली, चना और गुड़ होगा तो किसी एक दिन बच्चों को अंडा-दूध भी दिया जाएगा। किचिन में हलवा बनाने का सुझाव भी कमेटी ने दिया है। गौरतलब रहे देशभर में एमडीएम (MDM) खाने वाले बच्चों की पंजीकृत संख्या 13.10 करोड़ है, जबकि हर रोज़ खाने वाले बच्चों की संख्या 9.65 करोड़ होती है। सरकारी स्कूलों के बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए एमडीएम के साथ अब नाश्ता भी शुरु किया जा रहा है।
मोदी सरकार 2016 से इस दिशा में काम कर रही थी। एक सर्वे रिपोर्ट (survey report) में सामने आया था कि 30 से 40 फीसदी से अधिक बच्चे इसलिए स्कूल जाते हैं, ताकि उन्हें दोपहर का भोजन मिल सके। इसी के चलते नाश्ता शामिल करने की योजना तैयार हुई। क्योंकि इसी रिपोर्ट में सामने आया था कि यह बच्चे पौष्टिक आहार न मिलने से कुपोषण के शिकार होते हैं। इसलिए नाश्ते में पौष्टिक आहार को शामिल किया जा रहा है।