मथुरा: श्री कृष्ण जन्मभूमि स्थान विवाद याचिका पर आज होगी सुनवाई
न्यूज टुडे नेटवर्क। यूपी में श्रीकृष्ण जन्मभूमि स्थान मथुराा के विवाद पर आज सिविल कोर्ट में सुनवाई होनी है। याचिका को स्वीकार या अस्वीकार करने पर अाज सुनवाई की तारीख निश्चित की गई है। अदालत में याचिका दायर करने वाले अधिवक्तामौजूद रहेंगे। गौरतलब है कि मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि स्थान के बराबर में बनी शाही ईदगाह को लेकर वहां विवाद है। याचिकाकर्ता का कहना है कि जिस जगह मस्जिद खड़ी है वही असली कारागार है जहां भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। 13.37 एकड़ जमीन पर 1973 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और कमेटी आफ मैनेजमेंट ट्रस्ट शाही ईदगाह मस्जिद के बीच हुए समझौते और उसके बाद की गई डिक्री को रद्द करने वाली याचिका पर निर्णय किया जाएगा।
अगर अदालत इस याचिका को स्वीकार कर लेती है तो सभी विपक्षियों को सम्मन जारी होने की प्रक्रिया के साथ न्यायिक प्रक्रिया शुरू की जाएगी। आज सुनवाई से पहले सभी धार्मिक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। एसपी सिटी उदय शंकर सिंह ने बताया कि न्यायालय की सुरक्षा भी कड़ी कर दी गई है।
भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने याचिका दायर की है। इसमें जमीन को लेकर 1968 के समझौते को गलत बताया। यह केस भगवान श्रीकृष्ण विराजमान, कटरा केशव देव खेवट, मौजा मथुरा बाजार शहर की ओर से वकील रंजना अग्निहोत्री और 6 अन्य भक्तों की ओर से दायर किया गया है।
याचिका ‘भगवान श्रीकृष्ण विराजमान’ और ‘स्थान श्रीकृष्ण जन्मभूमि’ के नाम से दायर की गई है। इसके मुताबिक, जिस जगह पर शाही ईदगाह मस्जिद खड़ी है, वही जगह कारागार था, जहां भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था।
वकील हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन ने बताया कि याचिका में अतिक्रमण हटाने और मस्जिद को हटाने की मांग की गई है। हालांकि, इस केस में Place of worship Act 1991 की रुकावट है। इस ऐक्ट के मुताबिक, आजादी के दिन 15 अगस्त 1947 को जो धार्मिक स्थल जिस संप्रदाय का था, उसी का रहेगा। इस ऐक्ट के तहत सिर्फ रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को छूट दी गई थी।
दरअसल, हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन हिंदू महासभा के वकील रहे हैं और इन्होंने रामजन्मभूमि केस में हिंदू महासभा की पैरवी की थी, जबकि रंजना अग्निहोत्री लखनऊ में वकील हैं। बताया जा रहा है कि जिस तरह राम मंदिर मामले में नेक्स्ट टू रामलला विराजमान का केस बनाकर कोर्ट में पैरवी की थी, उसी तरह नेक्स्ट टू भगवान श्रीकृष्ण विराजमान के रूप में याचिका दायर की गई है।