मथुरा-पहली बार देश में लगेंगी किसी महिला को फांसी, पढिय़े क्या है उसका गुनाह

मथुरा- एक बार फिर मथुरा जेल में किसी महिला को फांसी देने की तैयारियां चल रही हैं। फिलहाल फांसी की तारीख तय नहीं हुई है। 22 वर्ष पूर्व भी मथुरा जेल में हत्या के जुर्म में बुंदेलखंड की महिला रामश्री को फांसी लगाने की तैयारी की गयी थी। परंतु, तब महिला संगठनों की आवाज पर
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मथुरा-पहली बार देश में लगेंगी किसी महिला को फांसी, पढिय़े क्या है उसका गुनाह

मथुरा- एक बार फिर मथुरा जेल में किसी महिला को फांसी देने की तैयारियां चल रही हैं। फिलहाल फांसी की तारीख तय नहीं हुई है। 22 वर्ष पूर्व भी मथुरा जेल में हत्या के जुर्म में बुंदेलखंड की महिला रामश्री को फांसी लगाने की तैयारी की गयी थी। परंतु, तब महिला संगठनों की आवाज पर राष्ट्रपति ने उसकी फांसी को आजन्म कारावास में तब्दील कर दिया था। अब शबनम की फांसी की तैयारियां यहां शुरू हो गई हैं।

इस बार यहां अमरोहा की शबनम को परिवार के सात सदस्यों की हत्या के जुर्म में फांसी लगाने के लिए भेजा जाना है। शबनम की उम्र करीब 38 वर्ष है। उसका एक 12 वर्ष का बेटा भी है। जिसे उसने जेल में जन्म दिया था। हत्या के आरोप में गिरफ्तारी के समय शबनम गर्भवती थी। सात साल तक उसका बेटा जेल में ही पला। अब वह एक व्यक्ति की देखरेख में है। रामपुर की जेल में बंद शबनम को फांसी के लिए यहां लाया जाना है। हालांकि अभी उसकी फांसी की तारीख तय नहीं हुई है। उसके लिए जेल प्रशासन फांसी घर को तैयार करने में लगा हुआ है।

कुछ ऐसे ही हालात 15 वर्ष पूर्व मथुरा जेल में उस समय पैदा हुए थे, जब यहां हत्या के जुर्म में कैद बुंदेलखंड की रामश्री को फांसी के लिए लाया गया था। उस समय भी फांसी घर का सुधार हुआ था। मेरठ के कल्लू जल्लाद को जेल बुलाया गया था। रामश्री को फांसी दिए जाने की खबर ने मथुरा ही नहीं प्रदेशभर के महिला संगठनों को विचलित दिया था। मामला राष्ट्रीय महिला आयोग तक पहुंचा था। तब राष्ट्रपति यहां दया याचिका दायर की गई थी। इस पर रामश्री की फांसी की सजा को उम्र कैद में तब्दील कर दिया था।

गौरतलब है कि अमरोहा निवासी शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर 14-15 अप्रैल 2008 की रात को अपने ही घर में खूनी खेल खेला था। उसने अपने माता-पिता, दो भाई, एक भाभी, मौसी की लडक़ी और मासूम भतीजे को मार दिया था। शबनम को जल्द ही उसके गुनाह की सजा मिल जाएगी। सर्वोच्च न्यायालय से बहाल की गई फांसी की सजा के बाद राष्ट्रपति ने भी उसकी दया याचिका को ठुकरा दिया है। आजादी के बाद शबनम देश की पहली महिला होगी, जिसे मथुरा जेल में फांसी दी जाएगी।