लखनऊ-लोकसभा चुनाव के लिए एक हुए बुआं और बबुआं, भाजपा-कांग्रेस की नींद उड़ी

लखनऊ- न्यूज टुडे नेटवर्क-लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारियों में उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा पूरी तरह से जुट गई हैं। आज वर्षों की दुश्मनी तोडक़र मायावती और अखिलेश यादव ने सपा-बसपा गठबंधन का औपचारिक ऐलान कर दिया। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने एक होटल में आज समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव
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लखनऊ-लोकसभा चुनाव के लिए एक हुए बुआं और बबुआं, भाजपा-कांग्रेस की नींद उड़ी

लखनऊ- न्यूज टुडे नेटवर्क-लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारियों में उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा पूरी तरह से जुट गई हैं। आज वर्षों की दुश्मनी तोडक़र मायावती और अखिलेश यादव ने सपा-बसपा गठबंधन का औपचारिक ऐलान कर दिया। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने एक होटल में आज समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। मायावती ने इस गठबंधन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की नींद उड़ाने वाला बताया। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में माहौल बेहद भयावह है। इस दौरान उन्होंने ऐलान किया कि यूपी की 80 सीटों में 38-38 सीटों पर सपा और बसपा लड़ेगी। जिसके बाद कांग्रेस को एक बड़ा झटका लग गया।

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दो सीटें सोनिया और राहुल के लिए छोड़ी

बसपा सुप्रीमो मायावती ने लोकसभा चुनाव 2019 में नरेंद्र मोदी के विजयरथ को उत्तर प्रदेश में रोकने के लिए सपा के साथ गठबंधन का ऐलान कर दिया है। रायबरेली व अमेठी सीट कांग्रेस नेता सोनिया गांधी व राहुल गांधी के लिए छोड़ी गई हैं। दो सीटें अन्य सहयोगी दलों के लिए छोड़ी गई हैं। यह सहयोगी दल कौन हैं। इस पर उन्होंने तस्वीर साफ नहीं की है। उन्होंने शिवपाल को जरूर भाजपा की बी टीम बताया और तंज करते हुए कहा कि भाजपा द्वारा उन पर खर्च किया जा रहा पैसा बर्बाद जाएगा। भाजपा के अहंकार का विनाश करने के लिए सपा-बसपा का मिलना जरूरी था। मंैने कहा था कि इस गठबंधन के लिए अगर दो कदम पीछे भी हटना पड़ा तो हम करेंगे। आज से सपा का कार्यकर्ता यह गांठ बांध ले कि मायावती जी का अपमान मेरा अपमान होगा। हम समाजवादी हैं औऱ समाजवादियों की विशेषता होती है कि हम दुख और सुख के साथ होते हैं। बीजेपी हमारे बीच गलत फैमी पैदा कर सकती है।

लखनऊ-लोकसभा चुनाव के लिए एक हुए बुआं और बबुआं, भाजपा-कांग्रेस की नींद उड़ी

जब मुलायम और काशीराम हुए एक

वही अयोध्‍या में विवादित बाबरी ढांचा ढहा दिये जाने के बाद 1992 में तत्‍कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लग गया। उस समय भाजपा को पूरा भरोसा था कि राम लहर उसे आसानी से दोबारा सत्ता में पहुंचा देगी। लेकिन तत्कालीन बसपा सुप्रीमो कांशीराम और सपा के अध्‍यक्ष मुलायम सिंह यादव नजदीक आए दोनों पार्टियों ने पहली बार चुनावी गठबंधन किया। इस दौरान एक नारा मिले मुलायम कांशीराम, हवा में उड़ गए जयश्री राम प्रदेश की राजनीति में खूब चर्चा में रहा।