Lockdown: यूपी में पहली बार लागू हुआ महामारी अधिनियम, जानें क्या होता है इस अधिनियम में
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस (coronavirus) से संक्रमित लोगों की संख्या 300 के पार पहुंच गई है। जिस कारण सरकार ने प्रदेश में पहली बार कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए महामारी अधिनियम 1897 (Pandemic Act 1897) लागू कर दिया है। यह अधिनियम 14 अप्रैल तक सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, धार्मिक, शैक्षणिक, खेल, पारिवारिक प्रकृति के किसी भी आयोजन पर प्रतिबंध लगाने के लिए लागू रहेगा। देश में सबसे पहले इस अधिनियम का प्रयोग 1897 में प्लेग (Plague) फैलने को रोकने के लिए ब्रिटिश काल (British period) के दौरान हुआ था।
इस अधिनियम को तब लागू किया जाता है जब राज्य या केंद्र सरकार को खतरनाक बीमारी के प्रवेश से दुष्प्रभाव की आशंका हो जिससे नागरिकों (Citizens) को खतरा हो। इसी तरह कोरोना के संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इस कानून के खंड दो को लागू करने का निर्देश दिया है। अब महामारी अधिनियम को तोड़ने का मतलब सरकारी आदेश की अवहेलना का अपराध है। लॉकडाउन का उल्लंघन (lockdown violation) करने पर इस अधिनियम के तहत कार्रवाई हो सकती है। इसमें आईपीसी (IPC) की धारा-188 के तहत सजा का प्रावधान है। इसके तहत सरकारी आदेश नहीं मानना अपराध होगा। छह माह की सजा और जुर्माना भी हो सकता है। महामारी एक्ट में अफसरों को अधिनियम लागू करने के लिए कानूनी सुरक्षा का भी प्रावधान है।
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