कविता-शीश मुकुट हिमालय तेरा
उत्तराखंड के लोकप्रिय वेब पोर्टल न्यूज टुडे नेटवर्क की ओर से स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में आॅनलाइन कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इसमें बाल, युवा और वरिष्ठ सभी वर्गों के लोग प्रतिभाग कर सकते हैं। प्रतियोगिता में मेरे प्यारे वतन विषय पर देशभक्ति से ओत.प्रोत स्वरचित कविता लिखकर 20 अगस्त तक भेजनी
| Aug 20, 2020, 16:18 IST
उत्तराखंड के लोकप्रिय वेब पोर्टल न्यूज टुडे नेटवर्क की ओर से स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में आॅनलाइन कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इसमें बाल, युवा और वरिष्ठ सभी वर्गों के लोग प्रतिभाग कर सकते हैं। प्रतियोगिता में मेरे प्यारे वतन विषय पर देशभक्ति से ओत.प्रोत स्वरचित कविता लिखकर 20 अगस्त तक भेजनी है। इसके तहत टनकपुर चंपावत से गीता जुकरिया की शानदार कविता पढ़िए-
शीश मुकुट हिमालय तेरा
सागर चरण पखारे तेरा
युग युगांतर रहे तेरा परचम
तुझको नमन मेरे प्यारे वतन
तुझ पर, दागी गईं लाखों गोलियां
दागे गए लाखों बम
फिर भी शीश न झुका पाए
करके इतने जुल्म सितम
तन समर्पित, मन समर्पित
तुझ पर ये जीवन समर्पित
है तुझ पर अर्पण श्वासों का ये सुमन
तुझको नमन मेरे प्यारे वतन।
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