कविता-बहती गंगा धारा जहां
उत्तराखंड के लोकप्रिय वेब पोर्टल न्यूज टुडे नेटवर्क की ओर से स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में आॅनलाइन कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इसमें बाल, युवा और वरिष्ठ सभी वर्गों के लोग प्रतिभाग कर सकते हैं। प्रतियोगिता में मेरे प्यारे वतन विषय पर देशभक्ति से ओत.प्रोत स्वरचित कविता लिखकर 20 अगस्त तक भेजनी
| Aug 21, 2020, 14:23 IST
उत्तराखंड के लोकप्रिय वेब पोर्टल न्यूज टुडे नेटवर्क की ओर से स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में आॅनलाइन कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इसमें बाल, युवा और वरिष्ठ सभी वर्गों के लोग प्रतिभाग कर सकते हैं। प्रतियोगिता में मेरे प्यारे वतन विषय पर देशभक्ति से ओत.प्रोत स्वरचित कविता लिखकर 20 अगस्त तक भेजनी है। इसके तहत टनकपुर से भुवन चंद्र जोशी की शानदार कविता पढ़िए-
बहती गंगा धारा जहां,
खड़ा हिमालय सीना तान है।
अपने वतन का हिस्सा होना
हम सबका अभिमान है।
जात, धर्म में न बेर जहां,
सब के प्रति आत्म सम्मान है
इस वतन का हिस्सा होना
हम सबकी शान है।
हर स्तर में नर-नारी जहां,
कर्तव्य के प्रति निष्ठावान है,
अपने वतन का हिस्सा होना
हम सबकी पहचान है।
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