मप्र के सियासी केंद्र में आता किसान

भोपाल, 29 मार्च (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में विधानसभा के इसी साल होने वाले चुनाव के लिए सियासी जमावट का दौर जारी है, सत्ताधारी दल भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की सबसे ज्यादा नजर किसान वोट बैंक पर है। यही कारण है कि दोनों दल इस वर्ग को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रहे।
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भोपाल, 29 मार्च (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में विधानसभा के इसी साल होने वाले चुनाव के लिए सियासी जमावट का दौर जारी है, सत्ताधारी दल भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की सबसे ज्यादा नजर किसान वोट बैंक पर है। यही कारण है कि दोनों दल इस वर्ग को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रहे।

राज्य में वर्ष 2018 में हुए चुनाव में किसान कर्ज माफी बड़ा चुनावी मुद्दा बना था और कांग्रेस को मिली बढ़त का कारण भी इसे ही माना गया था। अब एक बार फिर कांग्रेस किसानों के बीच अपनी पैठ को बढ़ाने के लिए एक अप्रैल को निमाड़ मालवा क्षेत्र के सरवरदेवला में किसान और सहकारी सम्मेलन का आयोजन करने जा रही है। राज्य स्तरीय इस आयोजन में कांग्रेस के तमाम दिग्गज पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी जेपी अग्रवाल के अलावा तमाम बड़े नेता पहुंचने वाले हैं।

निमाड़ इलाके में होने वाले इस आयोजन को सियासी तौर पर काफी अहम माना जा रहा है, इसकी वजह भी है क्योंकि सुभाष यादव की पहचान राज्य में किसान और सहकारी नेता के तौर पर रही है और एक अप्रैल को उनकी जयंती है और प्रतिमा का अनावरण भी किया जाना है। सुभाष यादव के बेटे पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव और पूर्व मंत्री सचिन यादव ने यह आयोजन किया है।

जानकारों की मानें तो पिछले दिनों राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा भी मालवा निमाड़ इलाके से गुजरी थी और इस यात्रा में अरुण यादव की बड़ी भूमिका थी। अब उनका परिवार राज्य स्तरीय किसान और सहकारी सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है, जिसमें इलाके के बड़ी संख्या में किसानों के आने की संभावना जताई जा रही है। अरुण यादव की पहचान राज्य में बड़े पिछड़ा वर्ग के नेता के तौर पर भी है। इस आयोजन के जरिए कांग्रेस अपनी ताकत का भी प्रदर्शन करने वाली है।

वहीं दूसरी ओर भाजपा लगातार किसानों के लिए तमाम योजनाओं की घोषणाएं कर रही है और अमलीजामा भी पहना रही है। राज्य की शिवराज सरकार खास तौर पर किसानों को सिंचाई सुविधा मुहैया कराने पर जोर दे रही है तो वहीं किसानों के कर्ज में भी रियायत और मदद का वादा किए जा रहे हैं।

--आईएएनएस

एसएनपी/एएनएम