परिवार की सहमति के बिना किया आईआईटी के पूर्व प्रोफेसर का ऑपरेशन

लखनऊ, 14 मई (आईएएनएस)। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के न्यूरोसर्जन ने आईआईटी रुड़की के 85 वर्षीय पूर्व प्रोफेसर का ऑपरेशन परिवार की सहमति के बगैर किया। सहमति न होने के कारण प्रोफेसर की ब्रेन 20 दिन से भी अधिक समय से रुकी थी।
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लखनऊ, 14 मई (आईएएनएस)। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के न्यूरोसर्जन ने आईआईटी रुड़की के 85 वर्षीय पूर्व प्रोफेसर का ऑपरेशन परिवार की सहमति के बगैर किया। सहमति न होने के कारण प्रोफेसर की ब्रेन 20 दिन से भी अधिक समय से रुकी थी।

न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर बीके ओझा के नेतृत्व में एक टीम द्वारा शनिवार को किया गया पांच घंटे का ऑपरेशन सफल रहा और मरीज प्रोफेसर देवेंद्र स्वरूप भार्गव को शताब्दी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां उन्हें सह-रुग्णता के कारण निगरानी में रखा गया है।

टीम में शामिल प्रोफेसर क्षितिज श्रीवास्तव ने कहा, वह एक्यूट सबड्यूरल हेमेटोमा से पीड़ित थे, एक मेडिकल इमरजेंसी, जिसमें मस्तिष्क और उसकी सबसे बाहरी परत के बीच रक्त जमा हो जाता है। यह काफी गंभीर स्थिति है। अब हम उम्मीद है कि वह जल्द ही होश में आ जाएंगे।

भार्गव को करीब 20 दिन पहले आस्था सेंटर फॉर गेरिएट्रिक मेडिसिन हॉस्पिटल एंड हॉस्पिस में अर्धचेतना की स्थिति में भर्ती कराया गया था।

20 साल पहले तलाकशुदा भार्गव एक दशक से शहर के सहारा एस्टेट, जानकीपुरम में अकेले रहते हैं।

तत्काल सर्जरी के लिए डॉक्टरों की सहमति नहीं मिल सकी। आस्था अस्पताल के निदेशक डॉ. अभिषेक शुक्ला ने आगे की दिशा के लिए सीएमओ से संपर्क किया और उनसे कुछ वित्तीय सहायता की व्यवस्था करने का अनुरोध किया।

इसके बाद केजीएमयू के डॉक्टर आगे आए और मरीज का ऑपरेशन करने को तैयार हो गए।

--आईएएनएस

सीबीटी