ट्रेन में सफर के दौरान एक क्यूआर से अब यात्री जान सकेंगे आखिरी बार कंबल, तकिया और तौलिया कब धुले

दिल्ली, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। यात्रियों की शिकायत से परेशान होकर रेलवे ने आखिरी बार कंबल, तकिया और तौलिया कब धुले थे। इसकी जानकारी यात्रियों को बताने का फैसला लिया है।
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दिल्ली, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। यात्रियों की शिकायत से परेशान होकर रेलवे ने आखिरी बार कंबल, तकिया और तौलिया कब धुले थे। इसकी जानकारी यात्रियों को बताने का फैसला लिया है।

रेलवे की ओर से ट्रेन के एसी कोच में सफर के दौरान यात्रियों को कंबल, तकिया और तौलिया प्रयोग करने के लिए दिया जाता है। लेकिन इसको लेकर रेलवे को काफी समय से लगातार शिकायतों का सामना करना पड़ रहा है। कई यात्रियों की शिकायत होती है कि कंबल में से बदबू आ रही है। कोई ये शिकायत करता है की पूरा बेडिंग रोल ही बिना धुला है। इसी का समाधान निकलते हुए और लोगों के मन में उठने वाले सवालों का जवाब देने के लिए रेलवे ने क्यूआर कोड की व्यवस्था की है, जिसको स्कैन करते ही यात्री जान पाएंगे की बेडरोल गंदा है या साफ। साथ ही यह भी जान पाएंगे की यह आखिरी बार कब धुला है।

क्यूआर स्कैन कर रेलयात्री यह जान सकते हैं कि कब बेडरोल पैक हुआ है और सफाई से संबंधित सारी जानकारियां इस पर उपलब्ध होगी। रेलवे की ओर से कई ट्रेनों में दिये जाने वाले बेडरोल के पैकेट पर क्यूआर कोड अंकित करना शुरू कर दिया गया है। जानकारी प्राप्त कर बेडरोल गंदा मिलने के बाद यात्री उसे बदल भी सकेंगे। इसके लिए कोच अटेंडेंट की जिम्मेदारी तय की गयी है।

जानकारी के अनुसार रेलवे ने कुछ चुनविंदा स्टेशनों पर फिलहाल यह सुविधा शुरू कर दी है। पूर्व मध्य रेलवे का गया जंक्शन समेत कई अन्य स्टेशन इसमें शामिल हैं।

पूर्व मध्य रेलवे जोन के जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार के अनुसार रेल यात्रियों की ओर से लगातार बेडरोल के बारे में शिकायत की जाती थी इस शिकायत पर अंकुश लगाने के लिए कुछ महžवपूर्ण ट्रेनों में ये सुविधा शुरू की गई है। महाबोधि, पुरुषोत्तम एक्सप्रेस ट्रेन, भुवनेश्वरी राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन, रांची-नयी दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेनों में दिये जाने वाले बेडरोल के पैकेट में क्यूआर कोड अंकित किये गये हैं।

उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे सभी ट्रेनों में दिये जाने वाले बेडरोल के पैकेट पर क्यूआर कोड अंकित किये जायेंगे।

--आईएएनएस

पीटीके/एएनएम