जमीयत के सदर ने संघ प्रमुख मोहन भागवत को की दावत, कहा- भेदभाव भूलकर हाथ मिलाएं

नई दिल्ली, 11 फरवरी (आईएएनएस)। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना असअद मदनी ने यहां के रामलीला मैदान में जमीयत के महाअधिवेशन में शनिवार 12 फरवरी को अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा, हम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चीफ मोहन भागवत जी और उनके अनुयायियों को सादर आमंत्रित करते हैं। आइए, आपसी भेदभाव, द्वेष और अहंकार को भूलकर एक-दूसरे से हाथ मिलाएं और अपने प्यारे देश को दुनिया का सबसे विकसित, आदर्श और सुपर पावर और शांतिपूर्ण देश बनाएं।
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नई दिल्ली, 11 फरवरी (आईएएनएस)। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना असअद मदनी ने यहां के रामलीला मैदान में जमीयत के महाअधिवेशन में शनिवार 12 फरवरी को अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा, हम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चीफ मोहन भागवत जी और उनके अनुयायियों को सादर आमंत्रित करते हैं। आइए, आपसी भेदभाव, द्वेष और अहंकार को भूलकर एक-दूसरे से हाथ मिलाएं और अपने प्यारे देश को दुनिया का सबसे विकसित, आदर्श और सुपर पावर और शांतिपूर्ण देश बनाएं।

आगे असअद मदनी ने कहा, सभी मसलों का समाधान बैठकर और चर्चा करके किया जा सकता है। आपसी घृणा के अंधेरे वातावरण में जो लोग भी आपसी संबंधों को बेहतर बनाने के लिए संवाद और एक-दूसरे के विचारों को समझने के लिए प्रयासरत हैं, हम उन सभी का स्वागत करते हैं और ऐसी सभी कोशिशों का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा हमारा सनातन धर्म के साथ कोई विरोध नहीं है। इसी तरह आपको भी इस्लाम से आपत्ति नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने कहा, यह मुल्क हमारा है, लेकिन हमारी इस बात को गलत ढंग से पेश किया जाता है। मदनी ने कहा कि देश में यदि कोई घटना होती है, तो उसे पूरे समाज या देश का आईना नहीं बताया जाना चाहिए। देश में मुसलमानों और इस्लाम के खिलाफ नफरत फैलाई जा रही है। नफरत की कोई घटना होती है, तो सरकार और प्रशासन उस पर कोई कार्यवाही नहीं करता, जो उसे करना चाहिए। बल्कि वह खामोश रहता है। उन्होंने मुसलमानों से भी अपील की कि वे पूरे मुल्क और बहुसंख्यक समुदाय के बारे में उस नजरिए से ना सोचें, जैसा कुछ नफरती लोग सोचते हैं।

--आईएएनएस

एमजीएच/एसजीके