उत्तराखंड को 2025 तक ड्रग्स फ्री करने की तैयारी, नशे पर रोक लगाने में नाकाम थानेदार नपेंगे

देहरादून, 17 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तराखंड में बढ़ते नशे के काले कारोबार पर लगाम लगाने के लिए उत्तराखंड पुलिस ने कमर कस ली है। डीजीपी अशोक कुमार ने नाम ड्रग्स फ्री देवभूमि बाय 2025 नाम से कैंपन लाया है। इस कैंपन का उद्देश्य उत्तराखंड को 2025 तक ड्रग्स मुक्त करना है। डीजीपी अशोक कुमार ने थाना प्रभारियों की जिम्मेदारी भी तय की है।
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उत्तराखंड को 2025 तक ड्रग्स फ्री करने की तैयारी, नशे पर रोक लगाने में नाकाम थानेदार नपेंगे देहरादून, 17 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तराखंड में बढ़ते नशे के काले कारोबार पर लगाम लगाने के लिए उत्तराखंड पुलिस ने कमर कस ली है। डीजीपी अशोक कुमार ने नाम ड्रग्स फ्री देवभूमि बाय 2025 नाम से कैंपन लाया है। इस कैंपन का उद्देश्य उत्तराखंड को 2025 तक ड्रग्स मुक्त करना है। डीजीपी अशोक कुमार ने थाना प्रभारियों की जिम्मेदारी भी तय की है।

दरअसल, अवैध नशे के खिलाफ उत्तराखंड पुलिस ने अभियान छेड़ रखा है। उत्तराखंड में पुलिस ने 2025 तक ड्रग्स मुक्त उत्तराखंड बनाने का लक्ष्य रखा है। इस कैंपन का नाम ड्रग्स मुक्त देवभूमि बाय 2025 रखा गया है। इसी को लेकर डीजीपी अशोक कुमार ने त्रिस्तरीय एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) का गठन किया था, जिसको लेकर डीजीपी अशोक कुमार की अध्यक्षता में एक कार्यशाल का आयोजन किया।

कार्यशाल में डीजीपी अशोक कुमार ने साफ किया कि 2025 तक उत्तराखंड को हर हाल में अवैध नशे से मुक्त करना है। यदि कोई थाना प्रभारी इस तरह के मामलों में लापरवाही बरतता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिस इलाके में भी अवैध नशा का काला कारोबार देखा जाएगा, उस थाना प्रभारी की जवाबदेही तय करते हुए उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

टेरर फंडिंग का सबसे बड़ा स्रोत: अवैध नशे से होने वाली काली कमाई पूरी दुनिया में टेरर फंडिंग का सबसे बड़ा स्रोत होती है। डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि ड्रग्स हमारे समाज का सबसे बड़ा अभिशाप है। किसी भी परिवार का बच्चा यदि नशे के जाल में फंस जाता है तो उस परिवार के जीवन भर की कमाई बर्बाद हो जाती है। नशे की गर्द में अच्छे-अच्छे परिवार बर्बाद हो जाते हैं।

डीजीपी ने कहा कि ड्रग्स को समूल तरह से नष्ट करना हमारी जिम्मेदारी है। ड्रग्स का काला कारोबार पूरी दुनिया में टेरर फंडिंग का सबसे बड़ा स्रोत है। इस नाते पुलिस की ड्यूटी इसके खिलाफ इंफोर्समेंट को बढ़ाने के लिए और अधिक जाती है।

अवैध ड्रग्स के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति:

डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि राज्य के सभी जनपद स्तर और थाना स्तर पर एंटी नारकोटिक्स किसी भी थाने क्षेत्र में जाकर कार्रवाई करेगी तो संबंधित थाना प्रभारी की जवाबदेही भी तय की जाएगी। देवभूमि उत्तराखंड को ड्रग्स फ्री बनाने के लिए एनफोर्समेंट, अवेरनेस और रिहैब जैसे तीनों विषयों को लेकर आगे बढ़ना है।

उत्तराखंड में साल 2019 से लेकर साल 2020 तक करीब 62 करोड़ रूपए के पदार्थ पकड़े गए हैं। इस दौरान पुलिस करीब 6007 ड्रग्स तस्कर को गिरफ्तार किया है। 2019 में 1558 नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 11 करोड़ से अधिक मादक पदार्थ पकड़े गए थे।

वहीं साल 2020 में 1490 ड्रग्स माफियाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के अंतर्गत 13 करोड़ से अधिक मादक पदार्थ बरामद किए गए। जबकि वर्ष 2021 में 2165 नशा तस्करों के खिलाफ शिकंजा कसते हुए लगभग 26 करोड़ के मादक पदार्थ बरामद किए गए। इसी प्रकार वर्ष 2022 के शुरूआती 6 माह में 794 ड्रग्स तस्करों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए 12 करोड़ के मादक पदार्थ रिकवरी की जा चुकी है।

--आईएएनएस

स्मिता/एएनएम