न्यूज टुडे नेटवर्क। यूपी के खीरी जिले के पलिया इलाके के किसानों ने परंपरागत खेती छोड़कर नए तरीके से खेती शुरू की है। भारत-नेपाल सीमा से सटे करीब 200 किसानों ने अपनी एक नई कंपनी बनाई। इन किसानों ने खेती में नए-नए प्रयोग शुरू किए हैं।
मकनपुर के किसान ने एक हेक्टेयर में काला गेहूं बोया। उन्होंने कंपनी के अन्य तमाम किसानों को भी काला गेहूं का बीज दिया है। काला गेहूं स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है। मकनपुर गांव निवासी किसान करमजीत सिंह ने बताया कि उन्होंने काले गेहूं के बारे में जानकारी की। पंजाब के लुधियाना यूनिवर्सिटी से काला गेहूं का बीज लेकर आए। एक हेक्टेयर में उन्होंने यह बीज बोया।
सीडीओ अरविंद सिंह के प्रयास से क्षेत्र के 200 किसानों ने मिलकर एक एफपीओ बनाया है। एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन) में शामिल किसान शहद उत्पादन, औषधीय खेती आदि कर रहे हैं। इस कंपनी में करमजीत सिंह भी शामिल हैं।
उन्होंने कंपनी के सात किसानों को भी गेहूं का बीज दिया जिसको किसानों ने बोया है। ये गेहूं का बीज सामान्य से कम लगता है। गेहूं का पौधा कल्ले ज्यादा देता है। अगर बाजार अच्छा मिला तो अगले साल खेती और बढ़ाएंगे। करमजीत सिंह बताते हैं कि गेहूं में रासायनिक खाद की जगह वार्मिकंपोस्ट खाद डाली है, जिसमें गुणवत्ता और बढ़ जाएगी।