क्रिसमस डे 2020- क्रिसमस पर 12 दिनों तक कैसे मनाया जाता है जश्न, जानिए क्या है क्रिसमस ट्री का महत्व
क्रिसमस ईसाइयों का सबसे बड़ा त्योहोर है। ईसाई धर्म के लोग इस त्योहार को बड़ी धूमधाम और उल्लाास के साथ मनाते हैं। दुनियाभर में हर साल 25 दिसंबर क्रिसमस डे के रूप में मनाया जाता है। ये एक ऐसा त्योहार है, जो लगभग 160 देशों में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। हर उम्र के लोग क्रिसमस को बड़ी उत्साह के साथ मनाते हैं। आमतौर पर क्रिसमस के जश्न की तैयारियां कई दिन पहले ही शुरू हो जाती हैं। इस त्योहार पर क्रिश्चियन धर्म के लोग अपने घरों को रंग-बिरंगी लाइटों, डेकोरेटिव आइटम्स से सजाते हैं।
क्रिसमस ट्री का महत्व
क्रिसमय डे का महत्व ईशाई धर्म के लिए प्रमुखता से माना गया है। इस दिन लोग अपने घर में क्रिसमस ट्री को लाते हैं। वैसे तो यह महज एक पर्व के रुप में देखा जाता है लेकिन इसके कई तरह के वास्तु निवारण के तौर पर भी देखा जाता है। कई विद्वानों का कहना है कि क्रिसमस के पेड़ को घर में लाने से वास्तु दोष का भी निवारण होता है। बताया जाता है कि घर से नकारात्मक उर्जा को नष्ट करने के लिए क्रिसमय ट्री बेहद ही लाभदायक और खास माना जाता है। कहा जाता है कि जिस घर में नकारात्मक उर्जा का पहरा है वहां क्रिसमस ट्री रखने से खास असर होता है। क्रिसमय ट्री को घर में रखने से आपके परिवार में हमेशा खुशियां बनी रहती हैं।
यूं तो क्रिसमस क्रिश्चियन धर्म को मानने वाले लोगों का त्योहार है। लेकिन दूसरे धर्म के लोग भी इस त्योहार को उतने ही जोश के साथ मनाते हैं। हर देश में क्रिसमस का त्योहार अलग-अलग तरह से मनाया जाता है. लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि क्रिसमस का त्योहार 1 या 2 दिन नहीं, बल्कि पूरे 12 दिनों तक मनाया जाता है।
कितने दिनों तक चलता है क्रिसमस का त्योहार-
पहला दिन (25 दिसबंर)- क्रिसमस के पहले दिन से ही इस त्योहार का जश्न शुरू हो जाता है। क्रिश्चियन समुदाय के लोग इस दिन को ईसा मसीह के जन्म दिवस के रूप में मनाते हैं।
दूसरा दिन (26 दिसंबर)- क्रिसमस के अगले दिन यानी 26 दिसंबर को बॉक्सिंग डे के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को सेंट स्टीफन डे के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि सेंट स्टीफन पहले ऐसे शख्स थे, जिन्होंने ईसाई धर्म के लिए अपनी जीवन की कुर्बानी दी थी।
तीसरा दिन (27 दिसंबर)- क्रिसमस का दूसरा दिन सेंट जॉन को समर्पित होता है। ये ईसा मसीह से प्रेरित और उनके मित्र माने जाते हैं।
चौथा दिन (28 दिसंबर)- इस दिन को लेकर क्रिश्चियन लोगों की मान्यता है कि किंग हीरोद ने ईसा मसीह को ढूंढते समस कई मासूम लोगों को कत्ल कर दिया था। इस दिन उन्हीं मासूम लोगों को याद कर उनके लिए प्राथना की जाती है।
पांचवां दिन (29 दिसंबर)- ये दिन सेंट थॉमस को समर्पित है। 12वीं सदी में चर्च पर राजा के अधिकार को चुनौती देने पर उन्हें 29 दिसंबर को कत्ल कर दिया गया था। इस दिन क्रिश्चियन समुदाय के लोग उन्हें याद करते हैं।
छठा दिन (30 दिसंबर)- इस दिन क्रिश्चियन समुदाय के लोग सेंट ईगविन ऑफ वर्सेस्टर को याद करते हैं।
सातवां दिन (31 दिसंबर)- पोप सिलवेस्टर ने इस दिन को मनाया था। कई यूरोपियन देशों में न्यू ईयर इव को सिलवेस्टर कहा जाता है। ह्वद्म में इस दिन पारंपरिक रूप से गैम्स और खेल-कूद आयोजित किए जाते हैं। इस दिन नए साल से पहले की शाम के रूप में भी मनाया जाता है।
आठवां दिन (1 जनवरी)- क्रिसमस का आंठवां दिन ईसा मसीह की मां मदर मैरी, जिन्हें मुस्लिम समुदाय के लोग हजरत मरयम कहते हैं, उन्हें समर्पित होता है।
नवां दिन (2 जनवरी)- इस दिन चौथी सदी के सबसे पहले ईसाई ‘सेंट बसिल द ग्रेट’ और ‘सेंट ग्रेगरी नाजियाजेन’ को याद किया जाता है।
दसवां दिन (3 जनवरी)- क्रिश्चियन धर्म के लोगों की मान्यता है कि इस दिन ईसा मसीह का नाम रखा गया था. इस दिन चर्च में रौनक देखने को बनती है।
11. ग्यारहवां दिन (4 जनवरी)- 18वीं और 19वीं सदी की सेंट एलिजाबेथ अमेरिका की पहली संत थीं. इस दिन उन्हें याद किया जाता है।
12. बारहवां दिन (5 जनवरी)- 5 जनवरी क्रिसमस पर्व का आखिरी दिन होता है। इस दिन को एपीफेनी भी कहा जाता है। यह दिन अमेरिका के पहले बीशप सेंट जॉन न्यूमन को समर्पित है।
ईशा मसीह को क्यों कहते हैं ईशू
ईशा मसीह को ही ईशू भी कहा जाता है। ईशू एक महान व्यक्ति थे और उन्होंने पूरे समाज को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। वो दुनिया के लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश देते हैं। ईशू को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। क्रिसमस के दिन चर्च में लोग विशेष प्रार्थना करते हैं, लोग इपने रिश्तेदारों एवं मित्रों से मिलने उनके घर जाते हैं। सभी एक-दूसरे को उपहार देते हैं। इस दिन खासतौर पर ईसाई लोग अपने आंगन में क्रिसमस ट्री लगाते हैं। घर की सफाई की जाती है। घरों को विशेष रूप से सजाया जाता है। नये कपड़े व विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं। क्रिसमस का विशेष व्यंजन केक है, केक के बिना क्रिसमस अधूरा है।