लखीमपुर खीरी की भूमि पर पीलीभीत के अफसर क्यों करवा रहे थे निर्माण, जानिए

न्यूज टुडे नेटवर्क। लखीमपुर खीरी जिले की भूमि पर पीलीभीत किसान साधन सहकारी समिति हजारा बाउंड्री निर्माण करवा रहे थे जिसकी सूचना खीरी के ग्रामीणों को लगी तो उन्होंने शिकायत मुख्य मंत्री से कर दी। इसके बाद राजस्वल निरीक्षक ने निर्माण पर तत्काल रोक लगा दी। हजारा साधन सहकारी समिति के अध्यक्ष और सचिव ने
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लखीमपुर खीरी की भूमि पर पीलीभीत के अफसर क्यों  करवा रहे थे निर्माण, जानिए

न्यूज टुडे नेटवर्क। लखीमपुर खीरी जिले की भूमि पर पीलीभीत किसान साधन सहकारी समिति हजारा बाउंड्री निर्माण करवा रहे थे जिसकी सूचना खीरी के ग्रामीणों को लगी तो उन्होंने शिकायत मुख्य मंत्री से कर दी। इसके बाद राजस्वल निरीक्षक ने निर्माण पर तत्काल रोक लगा दी। हजारा साधन सहकारी समिति के अध्यक्ष और सचिव ने इस विवादित भूमि को पीलीभीत की भूमि बताया है।

मामला पूरनपुर तहसील क्षेत्र का है जहां दो जनपदों के बीच लखीमपुर खीरी और पीलीभीत जिले की सीमा लखीमपुर खीरी में कई वर्ष पूर्व किसान साधन सहकारी समिति (हजारा) भवन का निर्माण पीलीभीत की भूमि दर्शाकर कर रहा है। जिसके चारों ओर बाउंड्री वाल नहीं है। बीते दिन बाउंड्री वाल निर्माण के लिए नींव की खुदाई कर बाउंड्री निर्माण का कार्य किया जा रहा था लेकिन जब इसकी जानकारी जनपद लखीमपुर खीरी खजुरिया निवासी कुतुबुद्दीन अंसारी,  धीरेंद्र नाथ त्रिपाठी आदि लोगों को हुई तो उन्होंने खीरी जिले की भूमि बताकर मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत कर दी। शिकायत के आधार पर राजस्व निरीक्षक शैलेंद्र सिंह नें मौका मुआयना कर निर्माण कार्य पर रोक लगा दिया। जबकि, हजारा साधन सहकारी समिति अध्यक्ष मायाराम कनौजिया और सचिव अनिलेश कटियार ने इस भूमि को अपनी अर्थात पीलीभीत जिले की भूमि बताया। पूर्व में भी खीरी पीलीभीत सीमा विवाद के चलते लाखों रुपये की लागत से बनाये जा रहे सार्वजनिक शौचालय निर्माण को खीरी जिले के ग्रामीणों ने रोक दिया गया था जो अब भी नहीं बन सका है।