जानिए, लव मैरिज आखिर क्यों होती है सबसे ज्यादा असफल

नई दिल्ली, न्यूज टुडे नेटवर्क : दोस्तों आज हम आपको कुछ बुनियादी सच पर चर्चा करने के इरादे से हम लव मैरिज के बिन्दु पर बात कर रहे है। जब भी किसी से यह जाने कि लव मैरिज या अरैन्ज मैरिज मे से लव मैरेज ही क्यों असफल होती है। ऐसा क्यों होने लग जाता
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जानिए, लव मैरिज आखिर क्यों होती है सबसे ज्यादा असफल

नई दिल्ली, न्यूज टुडे नेटवर्क : दोस्तों आज हम आपको कुछ बुनियादी सच पर चर्चा करने के इरादे से हम लव मैरिज के बिन्दु पर बात कर रहे है। जब भी किसी से यह जाने कि लव मैरिज या अरैन्ज मैरिज मे से लव मैरेज ही क्यों असफल होती है। ऐसा क्यों होने लग जाता है। क्यों हो जाता है और जिस से जिंदगी में बिखराव आने लग जाते है। लव मैरिज जिसके पीछे आज शायद बहुत से युवा भागे जा रहे है। की जैसे की लव मैरिज ही उनकी जीवन का एक मात्र उद्देश्य हो।

जानिए, लव मैरिज आखिर क्यों होती है सबसे ज्यादा असफल

न जानें ऐसा क्यों होता है

अगर आप खोजने बैठे तो आपको बहुत से लोग आपको मिल जायेंगे जिन्होंने अपनी शादी लव मैरिज ही की, लेकिन न जानें ऐसा क्यों होता है। जिंदगी में जिस इन्सान के साथ रहने की कसमें खाई जाती थीं आज उसका चेहरा भी देखना एक पल के लिए भी सहन नही होता है। आज जितने भी स्रद्ब1शह्म्ष्द्ग होते है उनमे उनके ऐसे ही होते है।

एक जिस्म और दो जान कहावत सिद्ध करने की कोशिश

शुरूआत में तो एक दूसरा का बहुत ख्याल रखा जाता है। अगर एक ने कहा की आज उतने टाइम पर फिल्म देखने चलना है। तो दूसरा टाइम से आ जायेगा चाहे उसके लिए अपने घर में कितना भी झूठ बोलना पड़े, या फिर अपना कोई भी जरुरी काम छोडऩा पड़ा हो, लेकिन टाइम पर पहुंच जाएंगे। एक दूसरे की फिक्र अपने से भी ज्यादा करेंगे, अगर एक दूसरे के कार्य में कोई समस्या हो तो एक दूजे की की सहायता भी की जायेगी। अपना काम खराब कर लेंगे, लेकिन अपने पार्टनर का नहीं ंकरेंगे। चाहे इसके लिए उनको दोगुनी कीमत क्यों ना देनी पड़े। अपने मोबाइल में रिचार्च नही करेंगे, लेकिन अपने पार्टनर का रिचार्ज अवश्य करेंगे कोई भी फंक्शन हो एक दुसरे को त्रढ्ढस्नञ्ज देंगे कहने का मतलब यह की एक जिस्म और दो जान वाली कहावत सिद्ध करने की कोशिश होती है।

जानिए, लव मैरिज आखिर क्यों होती है सबसे ज्यादा असफल

स्वभाव के विपरीत इंसान मिलने पर तालमेल नही हो पता

शादी से पहले लडक़ी और लडक़ा एक दूसरे को समझाते है। की तुम को मेरे घर वालो से तालमेल बैठने है। और एक दूसरे से सहमत होते हैं। जबकि चाहे एक दूसरे के घर वाले का स्वभाव कैसा भी उसके बारे नही सोचते हैं, लेकिन उस टाइम उनको सिर्फ शादी करनी है। तो इस बात पर गहराई से नही सोचते हैं, लेकिन जब शादी के बाद घर वालो से सामना होता है। तो स्वभाव के विपरीत इंसान मिलने पर तालमेल नही हो पता है। तो फिर एक दूसरे के घर वाले में दोष को बाधा चढ़ा कर देखा जाता है। तो फिर घर के अन्दर सम्बन्ध टूटने की स्थिति होने लग जाती है ।

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