काशीपुर- Watsapp से अफवाह नहीं यहां फैलाई जा रही शिक्षा, आदित्य की इस पहल का ऐसे आप भी बने हिस्सा

देशभर में कोरोना वायरस का कहर जारी है, जिसके चलते देश की अर्थ व्यवस्था और बाकी गतिविधियों के साथ ही स्कूली शिक्षा पर भी काफी असर पड़ रहा है। Covid-19 महामारी के कारण भारत भर में 300 मीलियन और दुनियाभर में 1.5 बीलियन से अधिक छात्र शिक्षा ग्रहण करने में असमर्थ है। संयुक्त राष्ट्र बालकोष
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काशीपुर- Watsapp से अफवाह नहीं यहां फैलाई जा रही शिक्षा, आदित्य की इस पहल का ऐसे आप भी बने हिस्सा

देशभर में कोरोना वायरस का कहर जारी है, जिसके चलते देश की अर्थ व्यवस्था और बाकी गतिविधियों के साथ ही स्कूली शिक्षा पर भी काफी असर पड़ रहा है। Covid-19 महामारी के कारण भारत भर में 300 मीलियन और दुनियाभर में 1.5 बीलियन से अधिक छात्र शिक्षा ग्रहण करने में असमर्थ है। संयुक्त राष्ट्र बालकोष के मुताबिक दक्षिण एशिया में 430 मीलियन बच्चों में से कईयों का शिक्षा प्रणाली से बाहर होने का खतरा है। इसलिए बहुत आवश्यक है कि वैकल्पिक तरीके से इन बच्चों तक शिक्षा पहुंचाई जायें।

व्हाट्सएप से ऐसे दे रहे शिक्षा

देश की इस गंभीर समस्या को दूर करने का बेड़ा काशीपुर के एक छात्र ने उठाया है। काशीपुर रेलवे स्टेशन रोड के रहने वाले 11वीं के छात्र आदित्य गुप्ता ने व्हाट्सएप ने गरीब बच्चों को पढ़ाई कराने की योजना तैयार की है। वह फोन के माध्यम से उन बच्चों को शिक्षा दे रहे है, जिनके स्कूलों में प्राईवेट स्कूलों की तरह डीजिटल लर्निंग की सुविधा नहीं है। इन बच्चों को वे घर बैठे ही शिक्षा दे रहे है।काशीपुर- Watsapp से अफवाह नहीं यहां फैलाई जा रही शिक्षा, आदित्य की इस पहल का ऐसे आप भी बने हिस्साआदित्य इन बच्चों को व्हाट्सएप पर बुक स्मार्ट एप के जरिए पढ़ा रहे है। उन्होंने गरीब छात्रों को शिक्षा देने की पहल चीमा चौराहा इंडियन ऑयल के चन्द्रा ब्रदर्स के पेट्रोल पंप के कर्मचारियों और सेल्समैनों को एप से जोड़कर उनके समेत 40 बच्चों को उनके विषयों की ऑडियों और वीडियो के जरिए पढ़ाने की शरुआत की है।काशीपुर- Watsapp से अफवाह नहीं यहां फैलाई जा रही शिक्षा, आदित्य की इस पहल का ऐसे आप भी बने हिस्सा

शिक्षा अधिकारी ने अपनाई आदित्य की राह

आदित्य ने जानकारी दी कि उनकी मां नमिता गुप्ता भी एनजीओ के माध्यम से लोगों की मदद करती है। मां ने यह प्रस्ताव शिक्षा अधिकारी गीतिका जोशी को दिखाया तो उन्होंने दो स्कूलों के बच्चों को इस अभियान से जोड़ा है, और खुद भी रोजाना बच्चों की क्लास ले रही है।