जब शिक्षक की नौकरी छोड़ एसपी (पुलिस अधीक्षक) बने भोजराज, राज्यपाल ने दी शुभकामनाएं

रायपुर – आज के समय में नौकरी मिलनी जितनी मुश्किल है, उतना ही मुश्किल नौकरी को छोडऩा भी है। कई बार आपको भी नौकरी छोडऩे से पहले आपको कठिन परिस्थितियों का सामना भी करना पड़ता है। नई जगह पर जाने के ख्याल से आप डर भी जाते हैं। पता नहीं वहां का माहौल कैसा होगा,
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जब शिक्षक की नौकरी छोड़ एसपी (पुलिस अधीक्षक) बने भोजराज, राज्यपाल ने दी शुभकामनाएं

रायपुर – आज के समय में नौकरी मिलनी जितनी मुश्किल है, उतना ही मुश्किल नौकरी को छोडऩा भी है। कई बार आपको भी नौकरी छोडऩे से पहले आपको कठिन परिस्थितियों का सामना भी करना पड़ता है। नई जगह पर जाने के ख्याल से आप डर भी जाते हैं। पता नहीं वहां का माहौल कैसा होगा, वहां के लोग कैसे होंगे। लेकिन उसके उलट एक मामला ऐसा भी आया है कि जिसमें भोजराम पटेल ने शिक्षक की नौकरी छोडक़र पुलिस अधीक्षक (एसपी) बन गए।

जब शिक्षक की नौकरी छोड़ एसपी (पुलिस अधीक्षक) बने भोजराज, राज्यपाल ने दी शुभकामनाएं

राज्यपाल व डीजीपी ने दीं शुभकामनाएं

राजभवन में आज राज्यपाल के परिसहाय भोजराम पटेल का कांकेर पुलिस अधीक्षक के पद पर पदस्थ होने पर उन्हें भावभीनी विदाई दी गई। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके एवं पुलिस महानिदेशक डीएम. अवस्थी ने श्री पटेल को प्रमोशन बैच लगाया। राज्यपाल ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि श्री पटेल ने राजभवन में ए.डी.सी. के रूप में उत्कृष्ट सेवा प्रदान की है। मैं आशा करती हूं कि वे पुलिस अधीक्षक के रूप में भी जनता की समर्पित भाव से सेवा करते रहेंगे और निरंतर प्रगति करते रहेंगे।

ये लोग रहे मौजूद

इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव सोनमणि बोरा, विधिक सलाहकार एन. के. चन्द्रवंशी, राज्यपाल के परिसहायद्वय अनंत श्रीवास्तव और त्रिलोक बंसल उपस्थित थे। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के रायगढ़ स्थित तारापुर गांव में पले-बढ़े भोजराम पटेल के जीवन की कहानी बड़ी संघर्षपूर्ण है। सूत्रों के अनुसार वे बहुत गरीब परिवार से आते हैं। उन्होंने कड़ी मेहनत से पढ़ाई की। शिक्षक की भी नौकरी की, और 2013 में आईपीएस बन गए। अब वे कांकेर जिले के एसपी होंगे।

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