भारत को इसरो ने दी एक और बड़ी उपलब्धि, जानिए क्‍या

श्रीहरिकोटा। भारत को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक और उपलब्धि दी है। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी)-सी51 ने ब्राजील के उपग्रह अमेजोनिया-1 को रविवार सुबह सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर दिया। वर्ष 2०21 के अपने पहले मिशन के तहत आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 10:24 बजे पीएसएलवी-सी51
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भारत को इसरो ने दी एक और बड़ी उपलब्धि, जानिए क्‍या

श्रीहरिकोटा। भारत को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक और उपलब्धि दी है। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी)-सी51 ने ब्राजील के उपग्रह अमेजोनिया-1 को रविवार सुबह सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर दिया।

वर्ष 2०21 के अपने पहले मिशन के तहत आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 10:24 बजे पीएसएलवी-सी51 का ब्राजील के उपग्रह अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रहों के साथ प्रक्षेपण किया। उड़ान भरने के 17 मिनट बाद अमेजोनिया-1 प्रक्षेपण यान से अलग होकर 715 किलोमीटर की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित हो गया।

इसरो अध्यक्ष के. शिवन ने कहा कि पीएसएलवी-सी51 ने ब्राजील के उपग्रह को कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया है। इस अवसर पर डॉ. शिवन सहित मिशन से जुड़े सभी वैज्ञानिक उपस्थित थे।

इसके बाद चौथे चरण का इंजन बंद होगा और दो बार ‘रिस्टार्ट’ होगा। यह इसरो के सबसे लंबे मिशन में से एक है जो लगभग दो घंटे तक चलेगा। चौथे चरण के इंजन के दूसरी बार स्टार्ट होने पर उड़ान भरने के एक घंटा 55 मिनट बाद अन्य 18 उपग्रह अपनी कक्षा में स्थापित किये जाएंगे।

पीएसएलवी-सी51 को 22 घंटे 5० मिनट तक चली उल्टी गिनती के बाद प्रक्षेपित किया गया। स्वदेश निर्मित 44.4 मीटर लंबे पीएसएलवी-सी51 के साथ ब्राजील के 637 किलो वजनी अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे गये।