2020 के बाद से बीजिंग के परमाणु हथियारों का भंडार दोगुना हो गया : पेंटागन
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आरएफए के मुताबिक, चाइना मिल्रिटी पावर रिपोर्ट-2022 अमेरिकी कांग्रेस की अनिवार्य वार्षिक रिपोर्ट का सबसे नया संस्करण है, जिसमें कहा गया है कि 2020 में पेंटागन के योजनाकारों ने अनुमान लगाया था कि चीन के वॉरहेड्स का भंडार 200 से कम था और दशक के अंत तक दोगुना हो गया।
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लेकिन वारहेड निर्माण का 2035 तक तेजी से विस्तार किया जाना है। बीजिंग के शब्दों में यह पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पूर्ण आधुनिकीकरण के प्रयास का हिस्सा है।
रिपोर्ट में कहा गया है, अगर चीन अपने परमाणु विस्तार की गति को जारी रखता है, तो वह 2035 की समय-सीमा तक लगभग 1,500 वॉरहेड का भंडार तैयार कर लेगा।
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2030 तक चीन के पास लगभग 1,000 ऑपरेशनल न्यूक्लियर वॉरहेड्स होंगे, जिनमें से अधिकांश महाद्वीपीय संयुक्त राज्य अमेरिका को ले जाने में सक्षम सिस्टम पर तैनात किए जाएंगे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आंकड़े केवल अनुमान हैं, क्योंकि चीन की सरकार ने अपने विस्तार के पैमाने को स्वीकार नहीं किया है।
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार, चीन का भंडार इस समय दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा भंडार है। लेकिन दुनिया के परमाणु हथियारों के शस्त्रागार का 90 प्रतिशत दो सबसे बड़ी परमाणु शक्तियों : रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका के पास है, जिनके पास क्रमश: 4,477 और 3,708 हथियारों का भंडार है।
पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया है कि सामान्य रूप से चीनी सैन्य विस्तार को 2049 तक चीनी राष्ट्र के महान कायाकल्प के बीजिंग के स्व-घोषित प्रयासों का हिस्सा समझा जाना चाहिए और कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व का विचार है कि संयुक्त राज्य अमेरिका गतिरोध पैदा करने पूरी कोशिश कर रहा है।
आरएफए की रिपोर्ट में कहा गया है, पीएलए को एक विश्वस्तरीय सेना की तरह मजबूत करना खतरों के खिलाफ कारगर रक्षा उपाय है।
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि हालांकि चीन के पास पहले से ही दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है और दुनिया में शीर्ष जहाज उत्पादक देश है, यह पनडुब्बियों, युद्धपोतों और सहायक और उभयचर जहाजों का उत्पादन करने के लिए अपनी क्षमता का विस्तार करना जारी रखे हुए है। साथ ही विमान बनाने की क्षमता भी बढ़ा रहा है।
इसमें कहा गया है, घरेलू विमान इंजन उत्पादन में सुधार के लिए चीन के दशकों पुराने प्रयासों के परिणाम सामने आने लगे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, चीन का पहला घरेलू स्तर पर निर्मित हाई-बाईपास टर्बोफैन, डब्ल्यूएस-20, वाई-20 भारी परिवहन पर उड़ान परीक्षण में प्रवेश कर चुका है और यह संभवत: 2022 के अंत तक आयातित रूसी इंजनों को बदल देगा।
--आईएएनएस
एसजीके/एएनएम