विश्व शौचालय दिवस: छोटा शौचालय, बड़ी आजीविका
67वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 24 जुलाई, 2013 को एक प्रस्ताव पारित कर 19 नवंबर को विश्व शौचालय दिवस स्थापित किया। यह दिवस मुख्य रूप से मानव के सामने पर्यावरण स्वच्छता संकट को उजागर करने के लिए स्थापित किया गया है, जो इस बात की वकालत करता है कि हर कोई साफ, आरामदायक और स्वच्छ वातावरण का आनंद लेता है। उम्मीद है कि दुनिया भर के लोगों के प्रयासों से दुनिया की पर्यावरणीय स्वास्थ्य समस्याओं में सुधार किया जाएगा।
दुनिया भर में, अधिकांश विकासशील देश शौचालय की समस्या का सामना कर रहे हैं। शौचालय की समस्या कोई छोटी बात नहीं है, यह बुनियादी आजीविका संबंधी एक मुद्दा है और सभ्यता की एक महत्वपूर्ण खिड़की भी है। 2012 में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 18 वीं राष्ट्रीय कांग्रेस के बाद से शी चिनफिंग शौचालय क्रांति के बुनियादी आजीविका कार्य को बहुत महत्व देते रहे हैं। 1 अप्रैल, 2015 को शी चिनफिंग ने शौचालय क्रांति पर महत्वपूर्ण निर्देश दिए थे कि हमें परिणाम हासिल के साथ-साथ लक्षित कदम उठाना चाहिए, एक-एक करके मुद्दे का समाधान करना चाहिए, एक-एक करके उन्हें पकड़ना चाहिए, छोटी जीतों को बड़ी जीत में संचित करना चाहिए।
छोटा शौचालय, बड़ी आजीविका। शौचालय की समस्या न केवल पर्यावरण के सुधार से संबंधित है, बल्कि व्यापक जनता के जीवन की गुणवत्ता में सुधार, राष्ट्रीय गुणवत्ता में सुधार और सामाजिक सभ्यता की प्रगति से भी संबंधित है।
नवंबर 2017 में शी चिनफिंग ने पर्यटन प्रणाली में शौचालय क्रांति बढ़ाने में हासिल उपलब्धियों पर महत्वपूर्ण निर्देश दिए कि शौचालय की समस्या शहरी और ग्रामीण सभ्यता निर्माण का एक महत्वपूर्ण पहलू है। न केवल दर्शनीय स्थलों और शहरों, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी इस पर जोर लगाया जाना चाहिए। इस कार्य को ग्रामीण पुनरुद्धार रणनीति के एक ठोस कार्य के रूप में बढ़ावा दें और जनता के जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाली इस कर्मी की पूर्ति करें।
शौचालय क्रांति एक व्यवस्थित परियोजना है। लोगों की आजीविका की कमियों पर ध्यान देने और समस्याओं को हल करने से ही शौचालय क्रांति परियोजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकता है।
23 जुलाई 2021 को शी चिनफिंग ने ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय क्रांति को और बढ़ावा देने पर महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ग्रामीण शौचालय क्रांति को ग्रामीण पुनरुद्धार का एक महत्वपूर्ण कार्य बना रहना चाहिए। साथ ही किसानों की मुख्य भूमिका को निभाना चाहिए, स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार कदम उठाने और वैज्ञानिक मार्गदर्शन पर ध्यान देना चाहिए।
हाल के वर्षों में चीन की शौचालय क्रांति धीरे-धीरे दर्शनीय स्थलों से पूरे क्षेत्र तक, शहरों से ग्रामीण क्षेत्रों तक, बढ़ती मात्रा से गुणवत्ता के सुधार तक फैल गई है, जिसे व्यापक लोगों का स्वागत मिला है। लोग कहते हैं कि चीन में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच की खाई कभी-कभी एक शौचालय में होती है। शी चिनफिंग की नजर में शौचालय सुधार किसी क्रांति से कम नहीं है। उन्होंने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि कृषि आधुनिकीकरण के साथ साथ नए ग्रामीण निर्माण को आगे बढ़ना चाहिए और शौचालय क्रांति होनी चाहिए ताकि ग्रामीण लोग भी स्वच्छ शौचालयों का उपयोग कर सकें।
(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)
--आईएएनएस
एएनएम