सिख परिवार का विंडसर कैसल में नस्लीय भेदभाव का आरोप, कानूनी कार्रवाई की धमकी दी

लंदन, 16 जनवरी (आईएएनएस)। एक सिख परिवार ने विंडसर कैसल में ब्रिटिश सेना के दो गार्डो पर नस्लीय भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए ब्रिटेन सरकार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दी है।
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सिख परिवार का विंडसर कैसल में नस्लीय भेदभाव का आरोप, कानूनी कार्रवाई की धमकी दी लंदन, 16 जनवरी (आईएएनएस)। एक सिख परिवार ने विंडसर कैसल में ब्रिटिश सेना के दो गार्डो पर नस्लीय भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए ब्रिटेन सरकार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दी है।

द इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, 36 वर्षीय रपिंदर कौर ने कहा कि पिछले साल महल की यात्रा के दौरान उन्हें, उनके पगड़ी पहनने वाले पति और उनके दो साल के बच्चे को गार्डो ने नस्लीय ताने मारे थे।

परिवार के वकीलों द्वारा जनवरी 2022 में सरकारी कानूनी विभाग को भेजे गए एक पत्र में्र ने कहा कि जब परिवार महल की दीवार के साथ चल रहा था, महल की खिड़की के पास खड़े दो सैनिकों ने हंसते हुए और उन्हें बीच की उंगली दिखाते हुए इशारा किया कि हम आपको देख रहे हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद परिवार ने महल का संचालन करने वाले रॉयल कलेक्शन ट्रस्ट और गार्ड की जिम्मेदारी तय करने वाले रक्षा मंत्रालय (एमओडी) से शिकायत की।

परिवार ने कहा कि उन्हें केवल एक शीर्ष रैंक के लेफ्टिनेंट से एक ईमेल माफीनामा मिला है, और भरोसा दिया गया है कि गार्डो को रिफ्रेशर ट्रेनिंग दी जाएगी।

परिवार के वकीलों द्वारा जनवरी 2022 में सरकारी कानूनी विभाग को भेजे गए एक पत्र में कहा गया है, दावेदार का मानना है कि सैनिकों द्वारा निशाना बनाए जाने और अलग किए जाने का एकमात्र कारण उनकी त्वचा का रंग था और तथ्य यह था कि उनके पति ने पगड़ी पहनी हुई थी।

पत्र में आगे कहा गया है कि वहां सिर्फ रपिंदर कौर के परिवार के सदस्य ही गैर-गोरे लोग थे।

जून 2002 में एक जवाब में सरकार के वकीलों ने घटना के बारे में कोई जानकारी होने से इनकार किया और कहा कि लेफ्टिनेंट की माफी देयता की स्वीकृति नहीं थी।

रपिंदर कौर ने द इंडिपेंडेंट को बताया, यह निराशाजनक है (कि) सरकारी कानूनी विभाग ने इस घटना के किसी भी रिकॉर्ड से इनकार किया है। सबसे पहले, घटना की जांच करने वाले लेफ्टिनेंट ने माफी मांगी, लेकिन फिर सरकारी कानूनी विभाग ने ऐसा होने से इनकार किया और मुझसे इसे साबित करने के लिए कहा।

मुझे लगता है कि कुछ संस्थानों के भीतर व्यक्तियों को एक स्तर की सुरक्षा प्रदान की जाती है, जो हम जैसे लोगों, अल्पसंख्यकों पर लागू नहीं होती है, उसने अफसोस जताया।

यह तब हुआ जब किंग चार्ल्स ककक ने पिछले महीने इंग्लैंड के ल्यूटन में एक गुरुद्वारे का दौरा किया और समुदाय के नेताओं, स्वयंसेवकों और सिख समुदाय के छात्रों के साथ संपूर्ण बातचीत की।

सिख परंपराओं का सम्मान करते हुए 74 वर्षीय सम्राट ने अपने सिर को रूमाल से ढक लिया, प्रार्थना की और सिख श्रद्धालुओं के साथ फर्श पर बैठ गए।

--आईएएनएस

एसजीके/एएनएम