एसआरएमएस में महिला मरीजों को दी गई अधिकारों की जानकारी

मिशन शक्ति कार्यक्रम के तहत महिलाओं को किया गया जागरूक बरेलीः एसआरएमएस मेडिकल कालेज में मिशन शक्ति कार्यक्रम के तहत महिला मरीजों को जागरूक किया गया। मरीज के रूप में उन्हें उनके अधिकारों की जानकारी दी गई। साथ ही बताया गया कि सभी स्वास्थ केंद्रों और अस्पतालों में महिलाओं को मरीज के रूप में अधिकार
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एसआरएमएस में महिला मरीजों को दी गई अधिकारों की जानकारी

मिशन शक्ति कार्यक्रम के तहत महिलाओं को किया गया जागरूक
बरेलीः एसआरएमएस मेडिकल कालेज में मिशन शक्ति कार्यक्रम के तहत महिला मरीजों को जागरूक किया गया। मरीज के रूप में उन्हें उनके अधिकारों की जानकारी दी गई। साथ ही बताया गया कि सभी स्वास्थ केंद्रों और अस्पतालों में महिलाओं को मरीज के रूप में अधिकार देना आवश्यक है। अगर कहीं ऐसा न हो रहा हो तो वह अपने अधिकारों के प्रति आवाज उठा सकती हैं।

एसआरएमएस मेडिकल कालेज में कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग की ओर से जागरूकता कैंप लगाया गया। इसमें डा.हुमा खान ने महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हम अस्पताल में चाहें डाक्टर हों, मरीज हों या उनके तीमारदार सभी रूपों में हमारे कुछ अधिकार हैं। उन्हें जानना जरूरी है। महिलाओं के पास सबसे बड़ा अधिकार उसकी फैसला लेने की आजादी है। बच्चे को जन्म देना भी इसी में शामिल है। डाक्टर द्वारा इलाज के लिए सुझाए गए उपायों में से किसी एक को चुनने का अधिकार भी महिला मरीजों के पास है। मरीज के रूप में उपचार के दौरान पुरुष डाक्टर के पास अपने साथ परिजनों के साथ जाने का अधिकार भी महिलाओं को दिया गया है। पुरुष डाक्टर द्वारा उपचार या जांच के दौरान अगर आपके साथ घर की कोई महिला नहीं है तो आप वहां महिला की उपस्थित की मांग कर सकती हैं। उसकी मौजूदगी में ही इलाज या जांच की जाएगी।

महिलाओं की मर्जी के बिना जबरदस्ती कोई जांच नहीं की जा सकती। इस संबंध में महिलाएं खुद फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं। अगर कहीं ऐसा नहीं किया जा रहा तो आप इसकी शिकायत भी कर सकती हैं। जागरूकता कैंप के दौरान डा.हुमा ने उपस्थित महिला मरीजों के सवालों के जवाब भी दिए।