हल्द्वानी- उत्तराखंड और नेपाल के वन अधिकारियों ने बुना ऐसा “जाल”, फंसकर रह जायेंगे वन्यजीव तस्कर

हल्द्वानी- न्यूज टुडे नेटवर्क: भारत – नेपाल सीमा पर वन्यजीव तस्करों की अब खैर नहीं। भारत और नेपाल सीमा पर वन्य जीव संरक्षण और वन्यजीव तस्करी जैसी घटनाओं के रोकथाम के उद्देश्य से आज हल्द्वानी के एफटीआई सभागार में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में नेपाल के वन्यजीव पार्कों के अधिकारियों के साथ ही
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हल्द्वानी- उत्तराखंड और नेपाल के वन अधिकारियों ने बुना ऐसा “जाल”, फंसकर रह जायेंगे वन्यजीव तस्कर
हल्द्वानी- उत्तराखंड और नेपाल के वन अधिकारियों ने बुना ऐसा “जाल”, फंसकर रह जायेंगे वन्यजीव तस्कर

हल्द्वानी- न्यूज टुडे नेटवर्क: भारत – नेपाल सीमा पर वन्यजीव तस्करों की अब खैर नहीं। भारत और नेपाल सीमा पर वन्य जीव संरक्षण और वन्यजीव तस्करी जैसी घटनाओं के रोकथाम के उद्देश्य से आज हल्द्वानी के एफटीआई सभागार में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में नेपाल के वन्यजीव पार्कों के अधिकारियों के साथ ही उत्तराखंड़ के तराई पूर्वी वन प्रभाग और हल्द्वानी वन प्रभाग के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में दोनों देशों के वनाधिकारियों द्वारा वन्य जीवों के संरक्षण की दिशा में बेहतर सामंजस्य स्थापित करने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये।

हल्द्वानी- उत्तराखंड और नेपाल के वन अधिकारियों ने बुना ऐसा “जाल”, फंसकर रह जायेंगे वन्यजीव तस्कर

हल्द्वानी- उत्तराखंड और नेपाल के वन अधिकारियों ने बुना ऐसा “जाल”, फंसकर रह जायेंगे वन्यजीव तस्कर

बेहतर तालमेल से होगी वन्यजीवों की रक्षा

वन संरक्षक डॉ. पराग मधुकर धकाते ने बताया कि दोनों देशों के वन अधिकारियों के बीच पेट्रोलियम प्रोटोकाल, बेहतर कम्यूनिकेशन के लिए इंडो -नेपाल वॉट्सअप ग्रुप भी बनाया गया है। इसके साथ ही अगली महत्वपूर्ण बैठक के लिए नेपाल के चितवन नेशनल पार्क को चुना गया है जिसमें भारत के वनाधिकारी प्रतिभाग करेंगे। वन संरक्षक पराग मधुकर धकाते ने बताया कि 45 किलोमीटर लंबी नेपाल -भारत वन्य सीमा पर एसएसबी के जवानों की मदद भी ली जzAZ in zqqqaाएगी।



इस अवसर पर नेपाल के वन संरक्षक मनोज शाह ने कहा कि नेपाल और भारत की वन्य सीमा पर वन्यजीव तस्करी जैसी घटनाओं को रोकने के फील्ड अफसरों के बीच बेहतर तालमेल होना जरूरी है। इसी उद्देश्य के साथ फील्ड अफसरों की बैठक का आयोजन किया गया।