प्रचंड गर्मी में नौतपा ने बढ़ाई चिंता, जानिए कब तक मानूसन देगा दस्तक

प्रचंड गर्मी : इस बार नौतपा में 2 जून तक प्रचंड गर्मी पडऩे की संभावना है। मई के आखरी सप्ताह में सूर्य और पृथ्वी के बीच दूरी कम हो जाती है और इससे धूप तेज हो जाती है। जो तापमान 42 से 44 डिग्री के आसपास चल रहा था वह अब 46- 48 तक जाएगा।
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प्रचंड गर्मी में नौतपा ने बढ़ाई चिंता, जानिए कब तक मानूसन देगा दस्तक

प्रचंड गर्मी : इस बार नौतपा में 2 जून तक प्रचंड गर्मी पडऩे की संभावना है। मई के आखरी सप्ताह में सूर्य और पृथ्वी के बीच दूरी कम हो जाती है और इससे धूप तेज हो जाती है। जो तापमान 42 से 44 डिग्री के आसपास चल रहा था वह अब 46- 48 तक जाएगा। अंदाज लगाया जा रहा है कि अब तक की भीषण गर्मी का रिकॉर्ड इस साल टूट सकता है। 25 मई से शुरू हो चुका नौतपा 3 जून तक चलेगा। प्रतिदिन तापमान बढ़ता ही जाएगा। देश के कुछ इलाकों में तापमान 47 डिग्री तक पहुंच सकता है।

प्रचंड गर्मी में नौतपा ने बढ़ाई चिंता, जानिए कब तक मानूसन देगा दस्तक

25 मई को सूर्य ने किया रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश

नौतपा में धरती का तेज तपना मानसून के लिए श्रेष्ठ होता है, अगर इस दौरान बारिश हो जाए तो इसे रोहिणी का गलना कहते हैं, जो मानसून के लिए शुभ संकेत हेाता है नौतपा में पारा 45 से 47 डिग्री तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। अब तक पड़ी भीषण गर्मी के रिकार्ड इस साल टूट सकता है। तेज गर्मी और उमस के साथ वर्षा के योग बनेंगे।

जानिए क्या होता है नौतपा

साल में रोहिणी नक्षत्र की दृष्टि सूर्य पर पड़ती है। यह नक्षत्र 15 दिन रहता है, लेकिन शुरू होने से चन्द्रमा जिन 9 नक्षत्रों पर रहता है, वह दिन नौतपा कहलाते हैं। इसका कारण इन दिनों में गर्मी अधिक रहती है। तेज किरणों से पशु-पक्षी, इंसान सभी गर्मी की वजह से त्रस्त हो जाते हैं। इस साल सूर्य ने 25 मई शनिवार को रात्रि 8 बजकर 24 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश किया। नौ दिनों तक अर्थात 3 जून तक भीषण गर्मी पड़ेगी। 25 मई को चंद्र प्रधान श्रवण नक्षत्र भी था, अत: इस बार नौतपा के पूरे नौ दिन भीषण गर्मी पड़ेगी। हो सकता है भीषण गर्मी के अब तक के सारे रिकॉर्ड टूट ही जाए। शास्त्रीय मान्यता है कि नौतपा के दौरान यदि तेज धूप के साथ भीषण गर्मी पड़ती है तो मानसून में वर्षा अच्छी होती है।

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शनि और सूर्य करते हैं मौसम में बदलाव

हिन्दू संवत्सर 2076 का राजा शनि और मंत्री सूर्य है। यह दोनों ग्रह प्रकृति से जुडे हैं। सूर्य जब विभिन्न नक्षत्रों में प्रवेश करता है, तब प्रकृति में आश्चर्यजनक बदलाव होता है। रोहिणी नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में प्रवेश करता है, तब सूर्य की तपन कम होता है और आकाश मंडल में बादल छाने लगते हैं और जमकर बारिश होता है।

कहीं बाढ़ तो कहीं सूखे की नौबत

सूर्य आद्रा नक्षत्र में प्रवेश करता है तो इसे मानसून की शुरुआत माना जात है। इस साल 22 जून को शाम 5:19 बजे सूर्य आद्रा नक्षत्र में प्रवेश करेगा। इससे वर्षा ऋतु भी शुरू हो जाएगी। इस दिन धनिष्ठा नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है। इस संयोग को असामान्य वर्षा का संकेत माना जाता है। असामान्य वर्षा के चलते कहीं बाढ़ और कहीं सूखे के हालात की नौबत आ सकती है।