कासगंज में बिकरू जैसी घटना : जानिए क्‍यों बदमाशों की निर्ममता का शिकार हुई पुलिस

कासगंज। कानपुर के बिकरू कांड की तर्ज पर कासगंज में सिपाही की हत्या कर उत्तर प्रदेश पुलिस को ललकारने वाले मुख्य आरोपी के भाई को कासगंज पुलिस ने एक मुठभेड़ में मार गिराया। जबकि, मुख्य आरोपी की तलाश जारी है। उधर, बदमाशों के हमले में घायल उपनिरीक्षक की हालत नाजुक है। कासगंज के पुलिस अधीक्षक
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कासगंज में बिकरू जैसी घटना : जानिए क्‍यों बदमाशों की निर्ममता का शिकार हुई पुलिस

कासगंज। कानपुर के बिकरू कांड की तर्ज पर कासगंज में सिपाही की हत्या कर उत्तर प्रदेश पुलिस को ललकारने वाले मुख्य आरोपी के भाई को कासगंज पुलिस ने एक मुठभेड़ में मार गिराया। जबकि, मुख्‍य आरोपी की तलाश जारी है। उधर, बदमाशों के हमले में घायल उपनिरीक्षक की हालत नाजुक है।

कासगंज के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सोनकर ने बताया कि बुधवार तड़के सिढ़पुरा क्षेत्र में नगला भिखारी के जंगलों में काली नदी के पास बदमाश छिपे थे। इनमें से एक बदमाश एलकार को मार गिराया। मुख्य आरोपी मोती समेत अन्य बदमाश अंधेरे का लाभ उठाकर भाग निकले। एलगार मृतक सिपाही की हत्या के मुख्य आरोपी का भाई है।

मंगलवार शाम मुखबिर की सूचना पर सिढपुरा थाने में तैनात उपनिरीक्षक अशोक कुमार व आरक्षी देवेन्द्र सिंह ग्राम नगला धीमर कटरी में कच्ची शराब की फैक्ट्री पर छापा मारने गये थे जहां हुब्बलाल के पुत्र मोती और एलकार के अलावा करीब छह लोगों ने पुलिसकर्मियों को घेरकर फायरिंग शुरू कर दी और नजदीक आते ही लाठी-डन्डों एवं भालों से हमला कर दिया। हमले में अशोक कुमार गंभीर घायल हो गए। देवेन्द्र की मृत्यु हो गई। बदमाश उपनिरीक्षक की सरकारी पिस्टल एवं कारतूस भी लूट ले गए। घायल दारोगा को अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। उनकी हालत नाजुक है।

आगरा जोन के एडीजी ने डाला डेरा

आगरा जोन के एडीजी अजय आनंद और अलीगढ़ मंडल के आईजी पीयूष मोर्डिया ने कासगंज में डेरा डाल दिया है। आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस की आधा दर्जन से अधिक टीमें गठित की गयी हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए आरोपियों पर एनएसए लगाने के निर्देश दिए हैं।

मृतक सिपाही के परिजनों को 50 लाख रुपये

मृतक सिपाही के परिजनों को 50 लाख रुपये और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। इसको लेकर मुख्यमंत्री ने घोषणा कर दी है। मुख्‍यमंत्री लगातार इस मामले की खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं ।

ऐसे हुई थी वारदात

शराब माफिया हिस्ट्री शीटर की तलाश में गये दरोगा अशोक पाल और सिपाही देवेंद्र पर शराब माफिया और हिस्ट्री शीटर मोती शाक्य के साथ मिलकर कुछ लोगों ने हमला बोल दिया। दरोगा और सिपाही को बंधक बनाया और उनकी निर्ममता से लाठी-डंडों और नुकीले औजार से पिटाई की। उनकी वर्दी, जूते आदि भी उतरवा लिए। किसी अनजान व्यक्ति ने सीओ पटियाली को इस घटना की जानकारी फोन पर दी।

सूचना पर तुरंत पहुंच गया था पुलिस फोर्स

सूचना पर सिढ़पुरा थाना और आसपास के जनपदों के थानों की फोर्स मौके पर पहुंच गई। दोनो पुलिसकर्मियों को वहां से उपचार के लिए ले गए पर रास्‍ते में सिपाही देवेंद्र की मौत हो गयी। दरोगा को अर्धनग्न अवस्था में बनियान और अंडरवियर में ही आरोपियों ने मरा जानकर छोड़ दिया था। मृत सिपाही देवेंद्र आगरा जनपद के डौकी थाना छेत्र के नगला बिंदु गांव का निवासी है और घायल दरोगा अशोक मैनपुरी जनपद के किशनी थाने के नगला दवे का निवासी है।

पुलिस पर भी उठने लगे सवाल

इतने बड़े हिस्ट्री शीटर की तलाश में उसको पकड़ने के लिए पुलिस प्रशासन ने पर्याप्‍त बल क्यों नही भेजा, इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं। जब ये मालूम था कि मुख्य आरोपी मोती शाक्य दुर्दांत अपराधी और हिस्ट्री शीटर है। इस गांव मे लोग अवैध शराब के कारोबार में ही लिप्त हैं तो ऐसे में केवल एक दरोगा और सिपाही को बाइक से इस गांव मे बड़े अपराधी की तलाश में जाने का निर्णय गलत था।

बिकरू कांड से नहीं लिया कोई सबक

घटना को देखकर लगता है कि यूपी पुलिस ने बिकरु कांड से भी कोई सबक नहीं सीखा।     कासगंज के सिढ़पुरा थाना क्षेत्र का नगला धीमर अवैध जहरीली शराब बनाने के लिए हमेशा से कुख्यात है। काली नदी के किनारे कटरी क्षेत्र में होने के कारण यहां जंगल में शराब की भट्टियां बेखौफ जलती रहती हैं।

आरोपियों पर इतने मुकदमे दर्ज हैं

मोती शाक्य के खिलाफ 11 मुकदमे हैं और एक मुकदमे में वंछित है और उस मामले में सितंबर 2०2० में ही इसके खिलाफ 82,83 की कार्रवाई हो चुकी थी। घटना के बाद पूरे गांव को घेरकर तलाशी की जा रही है।