भारत के इस शहर में भाई-बहन की आपास में कराई जाती है शादी, न करने पर मिलती है ऐसी सजा….
न्यूज टुडे नेटवर्क-रायपुर : भारत में आज भी कई अंधविश्वासी परंपराए कायम है, ऐसे ही एक और परंपरा के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपको हैरान कर देगी। आज के जमाने में भी लोग ऐसी हरकत करने से बाज नहीं आते। दरअसल, छत्तीसगढ़ के बस्तर की कांगेरघाटी में एक ऐसी ही परंपरा निभायी जा रही है। जिसके बारे में सुन कर आपके पैरो तले से जमीन खिसक जाएगी। या आप उस पर यकीन नहीं कर पाएंगे।
हमारे देश में सबसे पवित्र रिश्ता भाई-बहन का माना जाता है लेकिन भारत में एक ऐसा राज्य है जहां भाई-बहन आपस में शादी करते हैं। छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा आदिवासी कम्युनिटीज है, और इसी के आधार पर यहां की परंपराएं भी अलग-अलग हैं। हमारे देश में बहुत सी जनजातियों में ऐसी अनोखी परंपरा है, जिसके बारे में लोगों को नहीं पता है. ऐसी ही एक परंपरा छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज में भी है, जहां भाई-बहन आपस में शादी करते हैं।
आज भी इस प्रथा को निभा रहे लोग
छत्तीसगढ़ में परंपरा के नाम पर पानी को साक्षी मान कर भाई-बहन की आपस में शादी कर दी जाती है। जी हां, जहां भाई बहन का रिश्ता बहुत ही पवित्र माना जाता है वहीं इस परंपरा के चलते उनकी शादी करा दी जाती है। यहां आसपास के इलाको में रहने वाले धुरवा समाज के लोग इस प्रथा को आज भी निभा रहे है। इस समाज के लोग अपनी बेटियों की शादी फुफेरे और मौसेरे भाई से शादी करवा देते है। अगर ऐसा नहीं होता तो इसकी सजा भी दी जाती है।
बात नहीं माानने पर लगाया जाता है जुर्माना
इसी के साथ अगर कोई ऐसा करने से मना करता है तो उसपर जुर्माना लगाया जाता है। यहीं नहीं यहां बाल विवाह का भी चलन है, हालांकि, अब इस परंपरा को धीरे-धीरे खत्म करने के लिए कोशिशे शुरू हो गई हैं। लेकिन फिर भी कुछ लोग हैं जो इससे पीछे हटना नहीं चाहते। समाज में शादियों के रजिस्ट्रेशन और शादी के लिए लडक़ी की न्यूनतम उम्र 18 और लडक़े की 21 साल की होने की बात की जाने लगी है।