हल्द्वानी- अमर लोक गायक पप्पू कार्की को मिला लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड, छलक पड़े माँ के आंसू

हल्द्वानी-न्यूज टुडे नेटवर्क-उत्तराखंड के अमरलोक गायक पप्पू कार्की को उत्तराखंड फिल्म एसोसिएशन की तरफ से आज देहरादून में मरणोपरांत लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। इस मौके पर उत्तराखंड की संस्कृति को देश-विदेशों तक पहुंचाने वाले गायकों और कलाकारों को उत्तराखंड फिल्म एसोसिएशन द्वारा यूफा अवार्ड से नवाजा गया। इस समारोह में पप्पू
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हल्द्वानी- अमर लोक गायक पप्पू कार्की को मिला लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड, छलक पड़े माँ के आंसू

हल्द्वानी-न्यूज टुडे नेटवर्क-उत्तराखंड के अमरलोक गायक पप्पू कार्की को उत्तराखंड फिल्म एसोसिएशन की तरफ से आज देहरादून में मरणोपरांत लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। इस मौके पर उत्तराखंड की संस्कृति को देश-विदेशों तक पहुंचाने वाले गायकों और कलाकारों को उत्तराखंड फिल्म एसोसिएशन द्वारा यूफा अवार्ड से नवाजा गया। इस समारोह में पप्पू कार्की की माता कमला कार्की ने यह सम्मान ग्रहण किया। बेटे के जाने का दर्द माँ की आँखों से छलक गया। बूढ़ी माँ सम्मान पाकर भावुक हो पड़ी। बता दे कि 9 जून को सडक़ हादसे में पप्पू कार्की की मौत हो गई थी। पप्पू उत्तराखंड की गायकी में एक उभरता हुआ सितारा थे। उन्होंने अपने गीतों के दम पर उत्तराखंड ही नहीं विदेशों में भी खूब धूम मचाई। लाली ओ लाली हौसिया, सुन रे दगडिय़ा, ओ हीरा समदणी, मुधली, पारा भीड़े की बसंती छोड़ी आदि कई गानों से समूचे उत्तराखंड में धूम मचाई।

हल्द्वानी- अमर लोक गायक पप्पू कार्की को मिला लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड, छलक पड़े माँ के आंसू

पप्पू के नक्शे कदम पर चल रहा दक्ष

अमर लोकगायक स्व. पप्पू कार्की के बेटे दक्ष कार्की अपने पिता के नक्शे कदम पर चल रहे है। दक्ष कार्की द्वारा अपने पिता की याद में गाया गया गाना सुन ने दगडिय़ा ने समूचे उत्तराखंड में धूम मचा दी। पहले ही दिन यह गाना एक लाख से ऊपर पहुंच गया। अभी तक यू-ट्यूब पर दक्ष के इस गाने को 36 लाख से ऊपर लोग देख चुके है। वही कई मंचों पर दक्ष अपनी प्रस्तुति दे चुके है। लोगों ने भी दक्ष की गायकी को खूब सराहा। दक्ष अभी छोटे है और पढ़ाई कर रहे है। जिस तरह से दक्ष ने सुन रे दगडिय़ा उत्तराखंड की गायकी में कदम रखा वाकई काबिले तारीफ है। स्व. पप्पू कार्की के निधन के बाद उनके चैनल के सब्सक्राइबर डेढ़ लाख से ऊपर हो गये है। दक्ष ने अपने पिता के चैनल को सिल्वर बटन भी दिला दिया। कार्यक्रम में दक्ष के गीतों की सराहना की गई।