हल्द्वानी- अमर लोक गायक पप्पू कार्की को मिला संगीत अलंकरण सम्मान, भावुक हुए लोग

हल्द्वानी-न्यूज टुडे नेटवर्क-आज उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोकगायक स्व. पप्पू कार्की को संगीत अलंकरण सम्मान से नवाजा गया। देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के हाथों लोकगायक कार्की के बेटे दक्ष ने यह सम्मान हासिल किया। स्व. कार्की की पत्नी कविता कार्की भी बेटे के साथ मौजूद थी। इस मौके पर
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हल्द्वानी- अमर लोक गायक पप्पू कार्की को मिला संगीत अलंकरण सम्मान, भावुक हुए लोग

हल्द्वानी-न्यूज टुडे नेटवर्क-आज उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोकगायक स्व. पप्पू कार्की को संगीत अलंकरण सम्मान से नवाजा गया। देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के हाथों लोकगायक कार्की के बेटे दक्ष ने यह सम्मान हासिल किया। स्व. कार्की की पत्नी कविता कार्की भी बेटे के साथ मौजूद थी। इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री मौजूद थे। बता दे कि  प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री स्व. नित्यानंद स्वामी की जयंती पर यह कार्यक्रम आयोजन किया गया। कार्यक्रम मेंं राजनीति, संगीत, शिक्षा, उद्योग व स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर काम करने वालों का सम्मान दिया गया। स्व. पप्पू कार्की उत्तराखंड की गायकी में एक बड़ा नाम थे। जून माह में एक सडक़ हादसे में उनकी मौत हो गई। स्व. कार्की के निधन से उत्तराखंड की लोकगायकी को एक बड़ा झटका लगा।

हल्द्वानी- अमर लोक गायक पप्पू कार्की को मिला संगीत अलंकरण सम्मान, भावुक हुए लोग

पहले मिला था लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड

इससे पहले नवंबर माह में उत्तराखंड फिल्म एसोसिएशन ने मरणोपरांत लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड अमर लोकगायक स्व. पप्पू कार्की को सम्मानित किया गया। स्व. पप्पू कार्की की माता कमला कार्की ने यह सम्मान ग्रहण किया। बेटे के जाने का दर्द माँ की आँखों से छलक गया। पप्पू कार्की उत्तराखंड की गायकी में एक उभरता हुआ सितारा थे। उन्होंने अपने गीतों के दम पर उत्तराखंड ही नहीं विदेशों में भी खूब धूम मचाई। लाली ओ लाली हौसिया, सुन रे दगडिय़ा, ओ हीरा समदणी, मुधली, पारा भीड़े की बसंती छोड़ी आदि कई गानों से समूचे उत्तराखंड में धूम मचाई।

हल्द्वानी- अमर लोक गायक पप्पू कार्की को मिला संगीत अलंकरण सम्मान, भावुक हुए लोग

बेटे दक्ष ने संभाली पिता की विरासत

अमर लोक गायक स्व. पप्पू कार्की के निधन के बाद सितंबर में उनके सात साल के बेटे दक्ष कार्की ने पिता का गाया गीत सुन ले दगडिय़ा अपनी आवाज में गाया। पहले ही दिन इस गाने को डेढ़ लाख से अधिक लोगों ने यू-ट्यूब में सुना। यू-ट्यूब पर गीत को अभी तक 44 लाख से ऊपर व्यूज मिल चुके हैं। इस गीत के बाद चैनल अमर लोक गायक पप्पू कार्की के पीके इंटरनेटमेंट चैनल को सिल्वर बटन में भी मिला। वही कार्की के निधन के बाद आज पहाड़ के कई मंच उनकी आवाज को सुनने के लिए सूने है। हर कार्यक्रम में उनकी यादें ताजा हो जाती हैं। मौजूदा समय में देवेंद्र पांगती, मोहित रौतेला, नितेश बिष्ट, कविता कार्की, संदीप सोनू स्टूडियो व चैनल का संचालन