यदि घर में रखते हैं पवित्र गंगा जल, जो जरूर पढ़ लें ये खबर, वर्ना परेशानियां आपका पीछा नहीं छोड़ेंगी
हरिद्वार न्यूज टुडे नेटवर्क : हमारे धर्म ग्रंथों में गंगा नदी को पूजनीय और पवित्र बताया गया है। इसी वजह आज भी गंगा नदी को देवी तरह पूजा जाता है। मान्यता है कि गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और पुण्य बढ़ते हैं। देवी गंगा की कृपा से व्यक्ति का दुर्भाग्य दूर हो सकता है। प्राचीन समय में राजा भागीरथ ने मां गंगा को धरती पर लाने के लिए कठोर तप किया था। अधिकतर लोग अपने घर में भी गंगाजल रखते हैं। गंगाजल के शुभ असर से घर में बरकत बनी रहती है और घर पर किसी नकारात्मक ऊर्जा का असर नहीं होता है। अगर आप भी घर में गंगाजल रखते हैं तो यहां जानिए कुछ ऐसी बातें, जिनका ध्यान हमेशा रखना चाहिए। अगर इन बातों का ध्यान नहीं रखा जाएगा तो कार्यों में बाधाएं बढ़ सकती हैं और धन संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
गंगा जल का अगर सही उपयोग किया जाये तो उसके कितने लाभ हो सकते है की जीवन ही सफल हो जाता है। गंगाजल कई प्रकार के रोग और दूसरी तरह की समस्या को इलाज करता है ये बात वैज्ञानिक रूप से भी प्रमाणित है। गंगा जल की महिमा न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया भर में मनाई जाती है. दुनिया भर से लोग भारत गंगाजल लेने आते है।
घर में गंगाजल रखते समय इन बातों का अवश्य ध्यान रखें,सिर्फ थोड़ा सा गंगाजल पैसो के साथ ही खूब मिलेगी इज्जत,गंगाजल है बड़े काम की चीज, हैरान कर देनें वाले है फायदें जानिए कैसे :-
1. जिस कमरे में अँधेरा हो वैसी जगह पर गंगा जल न रखें, इससे नकारात्मक उर्जा आती है । इसे समय-समय पर दुसरे कमरे में रखे, ऐसे करने से घर में अच्छी उर्जा आती है।
2. गंगाजल को लम्बे समय तक न रखें। इसे बदलते रहें ऐसा करने से सकारात्मक उर्जा का आगमन होता है।
3. घर के जहां गंगाजल रखा जाता है, वहां साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। गंगाजल पूजनीय होता है और इसके आसपास पवित्रता बनाए रखें।
4. समय-समय घर में गंगाजल की कुछ बूंदों का छिडक़ाव करते रहना चाहिए। इससे घर में सकारात्मकता बनी रहती है। गंगाजल का उपयोग करने से पहले हाथों को साफ कर लेना चाहिए। इसके बाद मां गंगा का ध्यान करते हुए इसका प्रयोग करें।
5. सोमवार या गुरुवार के दिन गंगा जल को पीतल या चांदी के बर्तन में डाल कर रख दें। और जब उसमे जल कम होने लगे तो उसमे और गंगा जल भर दें।
6.मांस-मछली को सेवन करने के बाद अगर आप गलती से भी इस पवित्र जल को छू लेते हैं तो उस जल को तुरंत बदल दें, उसके स्थान पर नया जल भरें और उसके बाद ही इस्तेमाल में लाएं।