जंगल से सटे तालाबों को विकसित करें तो जंगल से कम बाहर आएंगे वन्यजीव: वरूण गांधी

सांसद वरूण गांधी ने डीएम पुलकित खरे को लिखा है पत्र न्यूज टुडे नेटवर्क। जंगल के भीतर पानी और सुविधाओं के ना होने से अक्सर वन्य जीवों जंगलों से बाहर निकलकर इंसान को नुकसान पहुंचा जाते हैं। ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए जंगल किनारे के तालाबों को विकसित कराने के लिए सांसद वरूण गांधी
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जंगल से सटे तालाबों को विकसित करें तो जंगल से कम बाहर आएंगे वन्यजीव: वरूण गांधी

सांसद वरूण गांधी ने डीएम पुलकित खरे को लिखा है पत्र

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। जंगल के भीतर पानी और सुविधाओं के ना होने से अक्‍सर वन्‍य जीवों जंगलों से बाहर निकलकर इंसान को नुकसान पहुंचा जाते हैं। ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए जंगल किनारे के तालाबों को विकसित कराने के लिए सांसद वरूण गांधी ने पहल की है। सांसद का मानना है कि अगर वन्‍यजीवों को जंगल के भीतर ही पानी और अन्‍य सुविधाएं मिलेंगी तो वन्‍यजीव जंगलों से बाहर कम ही आएंगे। अक्‍सर वन्‍य जीव जंगलों से पानी और भोजन की तलाश में जंगलों से बाहर आ जाते हैं जिससे कई बार इंसानी जीवन को भी खतरा उत्‍पन्‍न हो जाता है।

यूपी के पीलीभीत जिले में स्थित टाइगर रिजर्व एरिया से सटे तालाबों का कायाकल्‍प जल्‍द हो सकेगा। सांसद वरूण ने पीलीभीत के डीएम पुलकित खरे समेत वन विभाग के अफसरों को पत्र लिखकर इस कार्य को कराने की बात कही है। गौरतलब है कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) से सटे हुए करीब ढाई सौ गांव बसे हुए है। गर्मी के मौसम में वन्‍य जीव अक्‍सर भोजन और पानी की तलाश में जंगलों से निकलकर इन गांवों के आसपास पहुंच जाते हैं।

जंगल से सटे तालाबों को विकसित करें तो जंगल से कम बाहर आएंगे वन्यजीव: वरूण गांधी

कई बार जंगल किनारे बसे गांवों के ग्रामीणों को वन्‍य जीव अपना शिकार भी बना चुके हैं। यही नहीं जंगलों में पानी की कमी से कई बार वन्‍यजीवों की मौत के मामले भी सामने आ चुके हैं। अब होम स्‍टे योजना की तर्ज पर सांसद वरूण गांधी ने जंगल के भीतर और जंगल से सटे तालाबों को विकसित कराने को अफसरों को पत्र लिखा है। सांसद के वन अफसरों को पत्र लिखने के बाद अब उम्‍मीद जताई जा रही है कि जंगल से सटे इलाकों में मौजूद तालाबों के कायाकल्‍प का काम जल्‍द शुरू किया जा सकेगा।